Private Employees Working Hours: प्राइवेट कर्मचारियों के लिए जरूरी खबर, अब हर दिन इतने घंटे करना होगा काम, सरकार ने प्रस्ताव को दी मंजूरी
Maharashtra government increased the working hours of private employees
Private Employees Working Hours. Image Source- IBC24
मुंबई: Private Employees Working Hours: महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने बुधवार को निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए अधिकतम दैनिक कार्य अवधि को मौजूदा नौ घंटे से बढ़ाकर 10 घंटे करने के लिए कानूनों में संशोधन को मंजूरी दी। आधिकारिक बयान के अनुसार, इस कदम का उद्देश्य निवेश आकर्षित करना, रोजगार सृजित करना और श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा करना है।
Private Employees Working Hours: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में केंद्रीय कार्यबल द्वारा सुझाए गए बदलावों को मंजूरी दी गई। इसके साथ ही महाराष्ट्र अब कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और त्रिपुरा जैसे राज्यों में शुमार हो गया है, जहां ऐसे सुधार पहले ही लागू किए जा चुके हैं। बयान में बताया गया है कि ये संशोधन, फैक्टरी अधिनियम, 1948 और महाराष्ट्र दुकान एवं स्थापना (रोजगार और सेवा शर्तों का विनियमन) अधिनियम 2017 में किए जाएंगे। संशोधनों के बाद उद्योगों को अधिक मांग या श्रमिकों की कमी के दौरान बिना व्यवधान काम करने की अनुमति होगी, वहीं यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि श्रमिकों को ओवरटाइम का उचित मुआवज़ा मिले।
इसके तहत उद्योगों में दैनिक कार्य घंटों की सीमा नौ से बढ़ाकर 12 घंटे की जाएगी। वहीं विश्राम का समय पांच घंटे की बजाय छह घंटे के बाद मिलेगा। कानूनी ओवरटाइम की सीमा 115 घंटे से बढ़ाकर प्रति तिमाही 144 घंटे की जाएगी और इसके लिए श्रमिकों की लिखित सहमति अनिवार्य होगी। साप्ताहिक कार्य घंटे भी साढ़े दस घंटे से बढ़ाकर 12 कर दिए जाएंगे। इसी प्रकार, संशोधित दुकान एवं प्रतिष्ठान अधिनियम के तहत दैनिक कार्य घंटों को नौ से बढ़ाकर 10 घंटे, ओवरटाइम की सीमा 125 से बढ़ाकर 144 घंटे और आपातकालीन ड्यूटी घंटों को 12 घंटे कर दिया जाएगा। यह बदलाव 20 या उससे अधिक श्रमिकों वाले प्रतिष्ठानों पर लागू होंगे। बीस से कम श्रमिकों वाले प्रतिष्ठानों को अब पंजीयन प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं होगी, बल्कि उन्हें केवल सूचना प्रक्रिया के तहत अधिकारियों को अवगत कराना होगा।
सरकार के अनुसार, यह कदम कारोबार में सुगमता लाएगा, नए निवेश आकर्षित करेगा, रोज़गार को बढ़ावा देगा और साथ ही श्रमिकों के वेतन संरक्षण एवं अधिकारों में सुधार सुनिश्चित करेगा। इसमें ओवरटाइम पर दोगुना वेतन देना भी शामिल है। श्रम विभाग ने पिछले सप्ताह यह प्रस्ताव कैबिनेट के समक्ष पेश किया था। विभाग का कहना है कि प्रस्तावित बदलाव, खासकर महिलाओं के लिए, अधिक आरामदायक कार्य वातावरण उपलब्ध कराएंगे और कर्मचारियों व नियोक्ताओं की लंबे समय से चली आ रही चिंताओं का समाधान करेंगे।

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