सड़क हादसे में जान गंवाने वाले संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति को महाराष्ट्र के राज्यपाल, मुख्यमंत्री ने श्रद्धांजलि दी

सड़क हादसे में जान गंवाने वाले संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति को महाराष्ट्र के राज्यपाल, मुख्यमंत्री ने श्रद्धांजलि दी

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  • Publish Date - August 23, 2025 / 05:08 PM IST,
    Updated On - August 23, 2025 / 05:08 PM IST

नागपुर, 23 अगस्त (भाषा) महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उत्तर प्रदेश में एक सड़क हादसे में जान गंवाने वाले कविकुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय रामटेक के कुलपति प्रोफेसर हरेराम त्रिपाठी को शनिवार को श्रद्धांजलि अर्पित की।

प्रोफेसर त्रिपाठी (58) और उनकी पत्नी बादामी देवी (56) की शनिवार सुबह उत्तर प्रदेश के मऊ जिले के दोहरीघाट थाना क्षेत्र में सड़क हादसे में उस वक्त मौत हो गई जब उनकी कार सड़क पर खड़े एक ट्रक से टकरा गई। दपंति वाराणसी से कुशीनगर जिले में अपने गांव जा रहे थे।

कविकुलगुरु कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रवक्ता द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि प्रोफेसर त्रिपाठी और उनकी पत्नी कुशीनगर में अपने पैतृक स्थान जा रहे थे तभी यह हादसा हुआ।

दंपति के निधन से विश्वविद्यालय और शैक्षणिक जगत में शोक की लहर है।

महाराष्ट्र के राज्यपाल राधाकृष्णन ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा कि वह प्रोफेसर त्रिपाठी और उनकी पत्नी के निधन की खबर से बेहद दुखी हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘प्रोफेसर त्रिपाठी एक प्रसिद्ध संस्कृत विद्वान, शोधकर्ता और प्रख्यात शिक्षक थे। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए पूरी निष्ठा से काम किया। उनके निधन से हमने एक समर्पित शोधकर्ता और एक कुशल प्रशासक को खो दिया है जिन्होंने संस्कृत के लिए अथक परिश्रम किया।’’

मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि प्रोफेसर त्रिपाठी भारतीय दर्शन और न्यायशास्त्र के विद्वान के रूप में विख्यात थे।

उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘विभिन्न विषयों पर शोध करते हुए उन्होंने 40 से अधिक पुस्तकें लिखीं। उन्हें महर्षि बादरायण राष्ट्रपति पुरस्कार, शंकर वेदांत पुरस्कार और पाणिनी सम्मान जैसे कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। उन्होंने अपना पूरा जीवन संस्कृत की सेवा में समर्पित कर दिया।’’

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी सोशल मीडिया के जरिए प्रोफेसर त्रिपाठी को श्रद्धांजलि अर्पित की।

उन्होंने कहा, ‘‘आचार्य प्रोफेसर हरेराम त्रिपाठी के आकस्मिक निधन की खबर बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है। मैं उन्हें अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। आचार्य त्रिपाठी जी ने संस्कृत भाषा के शोध, विकास, प्रचार और प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान दिया है…।’’

भाषा खारी प्रशांत

प्रशांत