महाराष्ट्र के नेताओं ने राज्यपाल की शिवाजी महाराज के संबंध में की टिप्पणी पर आपत्ति जतायी |

महाराष्ट्र के नेताओं ने राज्यपाल की शिवाजी महाराज के संबंध में की टिप्पणी पर आपत्ति जतायी

महाराष्ट्र के नेताओं ने राज्यपाल की शिवाजी महाराज के संबंध में की टिप्पणी पर आपत्ति जतायी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:57 PM IST, Published Date : February 28, 2022/3:31 pm IST

मुंबई, 28 फरवरी (भाषा) महाराष्ट्र के कई नेताओं ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की, समर्थ रामदास को छत्रपति शिवाजी महाराज का गुरु बताने वाली टिप्पणी पर सोमवार को आपत्ति जताई।

इन नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता एवं छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज उदयनराजे भोंसले का नाम भी शामिल है। उन्होंने कोश्यारी के बयान पर आपत्ति जताते हुए उनसे तत्काल इसे वापस लेने को कहा है।

कोश्यारी ने रविवार को औरंगाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान छत्रपति शिवाजी महाराज और चंद्रगुप्त मौर्य का उदाहरण देते हुए गुरु की भूमिका को रेखांकित किया था।

उन्होंने कहा था, ‘‘ इस भूमि पर कई चक्रवर्ती (सम्राट), महाराजाओं ने जन्म लिया, लेकिन चाणक्य न होते तो चंद्रगुप्त के बारे में कौन पूछता? समर्थ (रामदास) न होते तो छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में कौन पूछता।’’

कोश्यारी ने कहा था, ‘‘ मैं चंद्रगुप्त और शिवाजी महाराज की योग्यता पर सवाल नहीं उठा रहा हूं। जैसे एक मां, बच्चे का भविष्य बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, उसी तरह हमारे समाज में एक गुरु का भी बड़ा स्थान है।’’

भोंसेल ने सोमवार को फेसबुक पर लिखा कि रामदास कभी भी मराठा यौद्धा के गुरु नहीं थे और कोश्यारी को कोई भी टिप्पणी करते समय अपने पद की गरिमा का ध्यान रखना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘ राष्ट्रमाता जिजाऊ (मराठा राजा की मां) छत्रपति शिवाजी महाराज की असली गुरु थीं, जबकि रामदास कभी उनके गुरु नहीं थे। यही सही इतिहास है। फिर भी, राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने औरंगाबाद में एक कार्यक्रम में छत्रपति शिवाजी महाराज और रामदास का हवाला देते हुए गलत इतिहास बताया।’’

शिवसेना सांसद संजय राउत ने कोश्यारी पर निशाना साधते हुए भाजपा से इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा। शिवसेना के प्रमुख प्रवक्ता ने नयी दिल्ली में एक समाचार चैनल से कहा कि भाजपा अभी तक सड़कों पर हंगामा कर चुकी होती, अगर कोई और ऐसा बयान देता।

उन्होंने कहा, ‘‘ राज्यपाल के इस बयान के बाद से महाराष्ट्र के लोग नाराज हैं। मुझे लगता है कि भाजपा को तुरंत मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।’’

वहीं, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की सांसद सुप्रिया सुले ने भी राज्यपाल की टिप्पणी पर आपत्ती जतायी और कहा , ‘‘रामदास और छत्रपति शिवाजी महाराज के शिक्षक-शिष्य होने के संबंध में कोई सबूत मौजूद नहीं है। ’’

महाराष्ट्र से लोकसभा सदस्य ने बंबई उच्च न्यायालय की औरंगाबाद पीठ के 16 जुलाई, 2018 के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने पीठ के समक्ष कहा था, ‘‘ इस बात के कोई सबूत मौजूद नहीं हैं कि शिवाजी महाराज, रामदास से मिले थे या वह रामदास को अपना गुरु मानते थे।’’

इस पर आपत्ति जताते हुए, सुले ने ट्विटर पर अपने पिता एवं राकांपा प्रमुख शरद पवार का एक पुराना वीडियो भी साझा किया, जिसमें कहा गया था कि रामदास छत्रपति शिवाजी महाराज के गुरु नहीं थे।

इस वीडियो में पवार को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि छत्रपति शिवाजी महाराज की मां राजमाता जीजामाता, मराठा योद्धा राजा की गुरु थीं।

कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख नाना पटोले ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार और उसके प्रतिनिधियों पर छत्रपति शिवाजी महाराज और राज्य का ‘‘अपमान’’ करके महाराष्ट्र के लोगों के गौरव को लगातार चुनौती देने का आरोप लगाया।

महाराष्ट्र में शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस की गठबंधन सरकार है। पहले भी कई मुद्दों पर उसका कोश्यारी के साथ विवाद रहा है।

भाषा निहारिका मनीषा

मनीषा

 

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