ठाणे (महाराष्ट्र), 30 अगस्त (भाषा) महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक अदालत ने यहां दो गुटों के बीच 2012 में हुए झगड़े के एक मामले में 52 वर्षीय व्यक्ति को हत्या के प्रयास का दोषी ठहराते हुए तीन साल सश्रम कारावास की सजा सुनायी है।
ठाणे की सत्र न्यायाधीश डॉ. रचना आर तेहरा ने मामले के सिलसिले में 17 अगस्त को पारित आदेश में 12 अन्य आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया।
आदेश की प्रति मंगलवार को उपलब्ध हुई।
न्यायाधीश ने भिवंडी तालुका स्थित सवांदे गांव के रविकांत मोतीराम पाटिल पर 5,500 रुपये का जुर्माना भी लगाया।
आदेश के अनुसार, केवल एक आरोपी के खिलाफ आरोप साबित हुए हैं।
अतिरिक्त लोक अभियोजक एस एच म्हात्रे ने अदालत को बताया कि 25 फरवरी 2012 को सवांदे गांव में ‘हल्दी’ की रस्म के दौरान ग्रामीणों के दो परस्पर विरोधी गुटों के बीच झगड़ा हो गया था। हथियारों से लैस आरोपियों ने पीड़ितों पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया।
म्हात्रे ने बताया कि मुकदमे की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष के कुल 15 गवाहों से जिरह की गयी।
बचाव पक्ष की ओर से पेश वकील गजानन चह्वाण ने कहा कि आरोपियों को मामले में फंसाया गया है।
अदालत ने कहा कि अभियोजन ने पाटिल के खिलाफ आरोपों को सफलतापूर्वक साबित किया है। पाटिल को भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत दोषी ठहराया गया तथा उसे तीन साल के सश्रम कारावास की सजा सुनायी गयी।
भाषा गोला सुभाष
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