दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में आए संदिग्ध आतंकवादी पर पहले से थी महाराष्ट्र पुलिस की नजर : पाटिल |

दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में आए संदिग्ध आतंकवादी पर पहले से थी महाराष्ट्र पुलिस की नजर : पाटिल

दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में आए संदिग्ध आतंकवादी पर पहले से थी महाराष्ट्र पुलिस की नजर : पाटिल

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 09:00 PM IST, Published Date : September 15, 2021/10:38 pm IST

मुंबई, 15 सितंबर (भाषा) महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने बुधवार को कहा कि दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए पांच आतंकवादियों में से एक संदिग्ध आतंकी, मुंबई निवासी जान मोहम्मद शेख पर राज्य पुलिस की पहले से ही कड़ी नजर थी और इस संबंध में महाराष्ट्र के खुफिया तंत्र की विफलता की बात सरासर गलत है।

विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि पुलिस विभाग पर राजनीतिक दबाव था और पुलिस कर्मियों को गैर-जरूरी कार्यों के लिए तैनात किया गया था।

दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने मंगलवार को पाकिस्तान-संगठित आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ कर, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई द्वारा प्रशिक्षित आतंकवादियों सहित कुल छह लोगों को गिरफ्तार किया था। अधिकारियों के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए संदिग्ध आतंकवादी गणेश चतुर्थी, नवरात्रि और रामलीला के त्योहारों के दौरान कथित तौर पर दिल्ली, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र सहित देश के कई स्थानों में विस्फोट करने की योजना बना रहे थे।

दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए छह संदिग्ध आतंकवादियों में से जान मोहम्मद शेख (47) मुंबई का रहने वाला है। उसकी गिरफ्तारी का खुलासा होने के बाद मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) के अधिकारियों ने मंगलवार को यहां जान मोहम्मद के परिवार से पूछताछ की और उसके घर की तलाशी भी ली।

महाराष्ट्र के गृह मंत्री वलसे पाटिल ने बुधवार को यहां पत्रकारों को बताया कि शेख, जिसे ‘समीर कालिया’ के नाम से भी जाना जाता है, धारावी क्षेत्र (मुंबई) का रहने वाला है और आपराधिक रिकॉर्ड के अनुसार उस पर 2001 में किसी स्थानीय अपराध के लिए मामला दर्ज किया गया था।

उन्होंने कहा, ‘‘अन्य अपराधियों की तरह उस पर भी राज्य पुलिस की नजर थी। इस मामले को लेकर राज्य के खुफिया तंत्र की विफलता का कोई सवाल ही नहीं उठता।’’

दिलीप वलसे पाटिल ने कहा, ”मुद्दे की संवेदनशीलता के कारण, मैं इस मामले से संबंधित विवरण का खुलासा नहीं कर सकता। लेकिन, मैं आपको बताना चाहता हूं कि संदिग्ध पर राज्य पुलिस की नज़र थी। इस मामले में राज्य का खुफिया तंत्र विफल नहीं हुआ है। यह हमारे पुलिस बल के लिए शर्मिंदगी की बात भी नहीं है।’’

दिल्ली पुलिस की ओर से इस संबंध में महाराष्ट्र पुलिस को सूचित किए जाने के सवाल पर गृह मंत्री ने कहा, ‘‘ कई बार जब कोई ठोस सूचना नहीं होती है, एक राज्य की पुलिस दूसरे राज्य का दौरा करती है और कई बार स्थानीय पुलिस को सूचित किए बिना गिरफ्तारी भी करती है।’’

राज्य सरकार की आलोचना करते हुए भाजपा विधायक आशीष शेलार ने संवाददाताओं से कहा, ‘दिल्ली पुलिस ने जब शेख को मुंबई से गिरफ्तार किया तब पूरी एटीएस सो रही थी। पुलिस कार्रवाई नहीं कर सकी क्योंकि वह राजनीतिक दबाव में थे।’

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ टिप्पणी करने को लेकर केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की हालिया गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘एमवीए सरकार राज्य के पुलिस कर्मियों को एक गैर-संज्ञेय अपराध में केंद्रीय मंत्री को गिरफ्तार करने में व्यस्त रख रही है, उनके खिलाफ लुक-आउट नोटिस भेज रही है। इसके अलावा एक मौजूदा विधायक (नीतेश राणे) पत्रकारों के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हैं।’

भाजपा विधायक ने कहा कि यदि राज्य पुलिस के पास शेख के बारे में खुफिया सूचना थी तो सरकार ने उसके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की। राज्य सरकार एक विशेष समुदाय को लेकर नरम रुख क्यों अपना रही है। सरकार राजनीति कर रही है। भाषा रवि कांत पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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