मुंबई, 28 दिसंबर (भाषा) महाराष्ट्र के जालना जिले की पुलिस ने साइबर पुलिस के साथ मिलकर फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को ठगने, फर्जी ‘लर्निंग ड्राइविंग’ लाइसेंस जारी करने और सरकारी कंप्यूटर सिस्टम तक अवैध रूप से पहुंच हासिल करने वाले गिरोह के कथित सरगना को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
आरोपी की पहचान बिहार के सहरसा जिले के रहने वाले बिद्दराज प्रमोद यादव (24) के रूप में हुई है।
इससे पहले पुलिस ने इस मामले के सिलसिले में जम्मू-कश्मीर से फैसल बशीर मीर और जालना से मुजाहिद उर्फ डॉन रईसुद्दीन अंसारी को गिरफ्तार किया था।
सहायक मोटर वाहन निरीक्षक और उप क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) की शिकायत के आधार पर 26 नवंबर को जालना थाने में मामला दर्ज किया गया था।
शिकायत के अनुसार, अज्ञात आरोपियों ने कथित तौर पर एक फर्जी वेबसाइट बनाकर सरकारी प्रक्रियाओं का दुरुपयोग किया और पैसे लेकर लोगों को फर्जी ‘लर्निंग ड्राइविंग’ लाइसेंस जारी किए।
अपराध की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय अपराध शाखा (एलसीबी) और साइबर पुलिस थाने की विशेष टीमों का गठन कर मामले की जांच शुरू की गई।
जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि मुख्य आरोपी यादव गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार अपने ठिकाने बदल रहा था, लेकिन पटना, सिमरी बख्तियारपुर और सहरसा में समन्वित तलाशी अभियान के बाद उसे आखिरकार 23 दिसंबर को हिरासत में ले लिया गया।
पुलिस ने अपराध में इस्तेमाल किया गया एक लैपटॉप, एक आईफोन और एक ‘थंब इंप्रेशन’ मशीन जब्त की है, जिसकी कीमत लगभग 1.46 लाख रुपये है।
आरोपी को रविवार को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। अधिकारियों ने कहा कि मामले में आगे की जांच जारी है।
भाषा नोमान सुरेश
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