आंध्र को उन्नत एयरोस्पेस, रक्षा तकनीक का केंद्र बनाएं: नायडू |

आंध्र को उन्नत एयरोस्पेस, रक्षा तकनीक का केंद्र बनाएं: नायडू

आंध्र को उन्नत एयरोस्पेस, रक्षा तकनीक का केंद्र बनाएं: नायडू

आंध्र को उन्नत एयरोस्पेस, रक्षा तकनीक का केंद्र बनाएं: नायडू
Modified Date: June 23, 2025 / 04:58 pm IST
Published Date: June 23, 2025 4:58 pm IST

अमरावती, 23 जून (भाषा) आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने सोमवार को राज्य को एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्रों में उन्नत प्रौद्योगिकियों और नवाचार के केंद्र के रूप में स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया।

नायडू ने सचिवालय में एयरोस्पेस और रक्षा नीति 4.0 (2025-2030) की समीक्षा की जिसका उद्देश्य एक लाख करोड़ रुपये तक का निवेश आकर्षित करना है। उन्होंने रक्षा में प्रौद्योगिकी के महत्व पर जोर दिया, विशेष रूप से ऑपरेशन सिंदूर के मद्देनजर।

एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘मुख्यमंत्री ने राज्य को एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्रों में उन्नत प्रौद्योगिकियों और नवाचार के केंद्र के रूप में स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा में प्रौद्योगिकी की बढ़ती भूमिका को रेखांकित किया।’’

उन्होंने रक्षा अनुप्रयोगों और दैनिक जीवन में सुधार के लिए ऐसी प्रौद्योगिकियों के विकास के महत्व पर भी प्रकाश डाला।

राष्ट्रीय रक्षा और आंतरिक सुरक्षा में अपार संभावनाओं की ओर इशारा करते हुए नायडू ने कहा कि नयी नीति को इन प्राथमिकताओं के अनुरूप उद्योगों की स्थापना को सुविधाजनक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए।

नायडू ने राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता बनाए रखने के लिए कई संशोधनों का सुझाव दिया। एयरोस्पेस और रक्षा सलाहकार सतीश रेड्डी भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए समीक्षा बैठक में शामिल हुए और अपने सुझाव दिए।

इसके अलावा, नायडू ने इस क्षेत्र में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) को समर्थन देने की आवश्यकता पर जोर दिया और नयी नीति में साजोसामान सब्सिडी को शामिल करने के साथ-साथ 100 करोड़ रुपये के वार्षिक कोष का प्रस्ताव रखा।

नीति में पूरे आंध्र प्रदेश में विशेष विनिर्माण गलियारे निर्दिष्ट किए गए हैं, जिनमें नौसेना प्रणालियों के लिए विशाखापत्तनम-श्रीकाकुलम, मिसाइल उत्पादन के लिए जग्गैयापेट-डोनाकोंडा, ड्रोन प्रौद्योगिकियों के लिए कुरनूल-ओरवाकल और एयरोस्पेस इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए लेपाक्षी-मदकासिरा शामिल हैं।

प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि प्रस्तावित रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन(डीआरडीओ) उत्कृष्टता केंद्र के साथ तिरुपति के अनुसंधान और विकास केंद्र के रूप में उभरने की उम्मीद है।

अधिकारियों ने नायडू को बताया कि भारत फोर्ज एंड मिलीमीटर वेव (एमएमडब्ल्यू) कंपनियां मदकासिरा क्लस्टर में निवेश करने की तैयारी कर रही हैं।

प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि अब तक 23 कंपनियों ने आंध्र प्रदेश के एयरोस्पेस और रक्षा क्लस्टर में 22,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जिससे 17,000 लोगों को रोजगार मिला है।

भाषा अमित नरेश

नरेश

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