धन शोधन मामला: वधावन बंधुओं को जमानत मिली

धन शोधन मामला: वधावन बंधुओं को जमानत मिली

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  • Publish Date - February 13, 2025 / 02:35 PM IST,
    Updated On - February 13, 2025 / 02:35 PM IST

मुंबई, 13 फरवरी (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने 2020 के येस बैंक धन शोधन मामले में दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) के प्रवर्तकों धीरज और कपिल वधावन को लंबे समय तक जेल में रहने और जल्द मुकदमा शुरू होने की संभावना नहीं होने का हवाला देते हुए उन्हें जमानत दे दी।

न्यायमूर्ति मिलिंद जाधव की एकल पीठ ने बुधवार को दोनों भाइयों को एक-एक लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दी।

पीठ ने कहा कि डीएचएफएल के प्रवर्तक चार साल नौ महीने से हिरासत में हैं और निकट भविष्य में मुकदमा शुरू होने की कोई संभावना नहीं है।

उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘किसी विचाराधीन कैदी को इतनी लंबी अवधि तक हिरासत में रखना संविधान के अनुच्छेद 21 से प्राप्त त्वरित सुनवाई के उसके मौलिक अधिकार का उल्लंघन है।’’

अदालत ने कहा, ‘‘मेरे विचार से आवेदकों (वधावन बंधुओं) को और अधिक समय तक कारावास में रखने की आवश्यकता नहीं है और वे इस स्तर पर मामले के गुण-दोष पर विचार किए बिना जमानत के हकदार हैं।’’

उच्च न्यायालय ने आदेश दिया कि मुकदमे की वर्तमान स्थिति और निकट भविष्य में इसके निष्कर्ष पर पहुंचने की संभावना नहीं होने तथा मुकदमे से पहले आरोपियों की जेल की अवधि को देखते हुए उन्हें जमानत दी जाती है।

पीठ ने कहा कि वधावन बंधुओं पर ऐसे अपराधों के लिए मामला दर्ज किया गया है, जिनमें अधिकतम सात साल की सजा हो सकती है।

उच्च न्यायालय ने कहा कि वर्तमान मामले में वधावन मई 2020 से हिरासत में हैं। यह अवधि लगभग चार साल और नौ महीने की है जो दोषसिद्धि पर लगाए जा सकने वाले कारावास की अधिकतम अवधि के आधे से भी अधिक है।

अदालत ने मामले की सुनवाई करने वाली विशेष अदालत द्वारा पारित आदेशों पर भी गौर किया। अदालत ने कहा कि कार्यवाही में देरी के लिए केवल आवेदकों को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है, जब ‘‘मामले में आरोप भी तय नहीं किए गए हैं, जबकि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मई 2023 में ही मसौदा आरोप प्रस्तुत कर दिए थे’’।

धीरज वधावन और कपिल वधावन ने ईडी द्वारा मार्च 2020 में उनके खिलाफ दर्ज धन शोधन मामले में जमानत का अनुरोध किया था। वे मई 2020 से जेल में हैं।

भाषा सुरभि नरेश

नरेश