एमएसआरटीसी हडताल: महाराष्ट्र सरकार को दो हफ्ते में रिपोर्ट मंत्रिमंडल के सामने रखने का निर्देश

एमएसआरटीसी हडताल: महाराष्ट्र सरकार को दो हफ्ते में रिपोर्ट मंत्रिमंडल के सामने रखने का निर्देश

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  • Publish Date - February 25, 2022 / 08:58 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:36 PM IST

मुम्बई, 25 फरवरी (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को महाराष्ट्र सरकार को महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) के कर्मियों की मांगों को लेकर बनायी गयी तीन सदस्यीय समिति की रिपोर्ट को अनुमोदन हेतु मंत्रिमंडल के सामने रखने के लिए दो सप्ताह का समय दिया।

मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्त और न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक की खंडपीठ एमएसआरटीसी की याचिका पर सुनवाई कर रही है जिसमें निगम ने अदालत के आदेश के बाद भी हड़ताल जारी रखने पर अपने कर्मियों के विरूद्ध अवममानना की कार्रवाई का अनुरोध किया है।

एमएसआरटीसी के हजारों कर्मी इस मांग को लेकर नवंबर, 2021 से हड़ताल पर हैं कि उन्हें राज्य सरकार के कर्मचारियों के समतुल्य समझा जाए।

उच्च न्यायालय के निर्देश पर सभी पक्षों को सुनने एवं रिपेार्ट देने के लिए तीन सदस्यीय समिति बनायी गयी थी। यह रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में अदालत में पेश की गयी है जिसमें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की राय एवं विचार हैं।

राज्य सरकार का पक्ष रख रहे वकील एस सी नायडू ने हड़ताली कर्मियों के वकील गुनारतन सदावर्ते द्वारा इस रिपोर्ट की प्रति देने का किया गया अनुरोध ठुकरा दिया।

सदावर्ते ने कहा कि यदि कर्मियों को उनकी मांग मान लिये जाने की सूचना दे दी जाए तो वे तत्काल काम पर लौट आयेंगे।

हालांकि नायडू ने कहा कि सरकार को पहले यह रिपोर्ट मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल के सामने रखनी होगी।

रिपोर्ट पर गौर करने के बाद न्यामयूर्ति दत्त ने कहा, ‘‘ भारी वित्तीय प्रभावों को लेकर मंत्रिमंडल की मंजूरी जरूरी है। ’’

फिर उच्च न्यायालय ने सरकार को रिपोर्ट को दो सप्ताह के अंदर मंत्रिमंडल रखने का निर्देश दिया और सुनवाई की अगली तारीख 11 मार्च तय की।

निगम के वकील जी एस हेगड़े ने दलील दी कि सार्वजनिक परिहवन का राज्य सरकार में विलय पर रिपोर्ट के निष्कर्ष सकारात्मक हो या नकारात्मक, लेकिन कर्मियों को काम पर लौट आना चाहिए।

हेगड़े ने कहा कि 82000 कर्मियों में 28000 काम पर लौट आये हैं तथा राज्य के अंदरूनी क्षेत्रों में विद्यार्थियों को बड़ी परेशानी हो रही है क्योंकि विद्यालय पूरी तरह खुल गये हैं और ये बच्चे प्राथमिक रूप से सरकारी बसों पर निर्भर हैं।

निगम ने अदालत को आश्वासन दिया कि यदि हड़ताली कर्मी तत्काल काम पर लौट आते हैं तो वह उनके विरूद्ध कोई आपराधिक या अन्य प्रकार की कार्रवाई नहीं करेगी।

भाषा राजकुमार माधव

माधव