मुंबई, एक दिसंबर (भाषा) मुंबई की एक अदालत ने रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के बर्खास्त कांस्टेबल चेतनसिंह चौधरी के खिलाफ शुक्रवार को पेशी वारंट जारी किया, जिस पर इस साल 31 जुलाई को एक चलती ट्रेन में अपने वरिष्ठ सहकर्मी और तीन यात्रियों की गोली मारकर हत्या करने का आरोप है।
चौधरी की जमानत याचिका पर सुनवाई आठ दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई क्योंकि अभियोजन पक्ष ने चौधरी की याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा था।
आरोपी को पेश करने का आदेश तब आया जब चौधरी के वकील अमित मिश्रा ने एक याचिका दायर करके कहा कि वे आरोपी के साथ भौतिक बातचीत के अभाव में मामले में उचित जानकारी हासिल करने में असमर्थ हैं।
याचिका में कहा गया है कि आरोपी चार महीने से न्यायिक हिरासत में है और मुंबई से लगभग 550 किलोमीटर दूर अकोला केंद्रीय जेल में बंद है।
याचिका में कहा गया है कि वकील अकोला नहीं जा सकते क्योंकि यह उनके लिए असुविधाजनक होगा और इसलिए, उसे (आरोपी को) भौतिक रूप से अदालत में पेश किया जाना चाहिए।
इस बीच, अभियोजन पक्ष ने शुक्रवार को चौधरी की जमानत याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए आठ दिसंबर तक का समय मांगा, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया और मामले की सुनवायी तब तक के लिए स्थगित कर दी।
चौधरी की ओर से पिछले महीने दायर जमानत याचिका में दावा किया गया है कि वह मानसिक आघात से पीड़ित है और आंशिक रूप से मानसिक तौर पर विक्षिप्त है।
चौधरी ने अपने स्वचालित हथियार से आरपीएफ सहायक उप निरीक्षक टीका राम मीणा के साथ ही कोच बी 5 और एस 6 और पेंट्री कार में तीन यात्रियों की कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी थी।
घटना के बाद यात्रियों ने ट्रेन की अलार्म चेन खींची थी और ट्रेन के मीरा रोड के पास रुकने के बाद चौधरी को भागने की कोशिश करते हुए पकड़ लिया गया था।
भाषा अमित माधव
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