मुंबई, दो फरवरी (भाषा) मुंबई में हुए तिहरे विस्फोट के 11 साल बाद बृहस्पतिवार को यहां महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून (मकोका) की एक विशेष अदालत में मामले की सुनवाई शुरू हुई।
इन विस्फोटों में 27 लोगों की मौत हो गई थी।
विशेष न्यायाधीश बी.डी. शेल्के के समक्ष पहली गवाही एक आधिकारिक गवाह ने दी, जो तब मौजूद था जब डॉक्टरों ने घायल व्यक्तियों के शरीर से छर्रे निकाले थे।
विशेष लोक अभियोजक उज्ज्वल निकम महाराष्ट्र आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) की ओर से पेश हुए। मामले में कम से कम 11 लोग मुकदमे का सामना कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि 13 जुलाई, 2011 को मुंबई के दादर, ओपेरा हाउस और झवेरी बाजार इलाकों में तीन शक्तिशाली विस्फोट हुए थे, जिसमें 27 लोग मारे गए थे और 127 घायल हुए।
एटीएस ने दावा किया कि आतंकवादी संगठन इंडियन मुजाहिदीन के संस्थापकों में से एक यासीन भटकल धमाकों का मुख्य साजिशकर्ता था।
आरोपियों पर आपराधिक साजिश, हत्या, हत्या का प्रयास के अलावा गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और मकोका के तहत आरोप लगाए गए हैं।
भाषा शफीक पवनेश
पवनेश
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
भाजपा सांसद रवि किशन की बेटी होने का दावा कर…
9 hours ago