मुंबई, 29 नवंबर (भाषा) युवा कांग्रेस की मुंबई इकाई ने शनिवार को उच्चतम न्यायालय से आवारा कुत्तों पर सात नवंबर के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया। साथ ही तर्क दिया कि इस आदेश को लागू करना कठिन है और यदि इसे पर्याप्त सुरक्षा उपायों के बिना लागू किया गया तो यह मनुष्यों और पशुओं के बीच संतुलन बिगाड़ सकता है।
युवा कांग्रेस की मुंबई इकाई की अध्यक्ष जीनत शबरीन ने कहा कि आवारा पशुओं के मुद्दे पर एक व्यापक और संवेदनशील दृष्टिकोण की आवश्यकता है, लेकिन अदालत का निर्देश अनजाने में समुदायों और पशु कल्याण की वकालत करने वालों के बीच तनाव पैदा कर सकता है।
उन्होंने उच्चतम न्यायालय से आदेश के क्रियान्वयन को निलंबित करने और सभी हितधारकों की नए सिरे से सुनवाई के लिए मामले को संविधान पीठ को सौंपने की अपील की।
देश भर के हजारों पशु प्रेमियों ने कथित तौर पर उच्चतम न्यायालय को पत्र लिखकर इस फैसले पर पुनर्विचार की मांग की है। युवा कांग्रेस के पदाधिकारियों के साथ मिलकर शबरीन ने शनिवार दोपहर छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस के पास स्थित डाकघर जाकर अदालत को संबोधित पत्र भेजे।
अपने पत्र में, युवा कांग्रेस के सदस्यों ने कहा कि इस फैसले को ‘‘वैज्ञानिक, चिकित्सीय और व्यावहारिक रूप से लागू करना कठिन’’ है।
भाषा शफीक सुरेश
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