नागपुर हिंसा : एक ट्रेन पकड़ने तो दूसरा दूध लेने गया था, अब अस्पताल में जीवन के लिए जूझ रहे

नागपुर हिंसा : एक ट्रेन पकड़ने तो दूसरा दूध लेने गया था, अब अस्पताल में जीवन के लिए जूझ रहे

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  • Publish Date - March 19, 2025 / 10:21 AM IST,
    Updated On - March 19, 2025 / 10:21 AM IST

नागपुर, 19 मार्च (भाषा) महाराष्ट्र के नागपुर में हिंसा प्रभावित क्षेत्रों के लोगों के परिजनों के लिए यह समझना मुश्किल है कि कैसे उनके अपने, अस्पतालों में पहुंच गए और अब अपने जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

बड़े नवाज नगर के निवासी इमरान अंसारी अपने बड़े भाई इरफान अंसारी की गंभीर हालत को लेकर सदमे में हैं।

पेशे से ‘वेल्डर’ इरफान को नागपुर रेलवे स्टेशन से रात एक बजे इटारसी जाने वाली ट्रेन पकड़नी थी, जिसके लिए वह सोमवार रात करीब 11 बजे घर से निकले थे। नागपुर रेलवे स्टेशन का इलाका हिंसा प्रभावित था। यह हिंसा छत्रपति संभाजीनगर जिले में स्थित औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के विरोध प्रदर्शन से भड़की थी।

परिवार को इंदिरा गांधी राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आईजीजीएमसीएच) से फोन के माध्यम से सूचना मिली कि एक दुर्घटना के बाद इरफान को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

इमरान ने मंगलवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उनके भाई के सिर में गंभीर चोटें आई हैं और एक पैर ‘फ्रैक्चर’ हो गया है। उन्होंने बताया कि वह फिलहाल गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में हैं।

इसी तरह 12वीं कक्षा के छात्र रज़ा यूनुस खान (17) का भी अस्पताल में उपचार किया जा रहा है।

मोमिनपुरा के पास गार्ड लाइन में रहने वाले खान को उनकी मां ने सुबह की सहरी के लिए दूध और दही खरीदने के मकसद से रात करीब साढ़े 10 बजे समीपवर्ती बाजार भेजा था। रात करीब साढ़े 11 बजे आईजीजीएमसीएच से सूचना मिली कि उनके बेटे को गंभीर हालत में उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया हैं।

उसकी मां ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उनका बेटा हिंसा प्रभावित हंसपुरी में दूध खरीदने गया था।

खान को बाद में एक निजी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां वह वेंटिलेटर पर है। उसके परिवार को भी उनके इलाके में हिंसक स्थिति के बारे में पता नहीं था और वे इस बात से हैरान हैं कि उनके बेटे को इतनी गंभीर चोटें कैसे आईं।

मध्य नागपुर के महल इलाके में सोमवार शाम करीब साढ़े सात बजे हिंसा भड़क उठी, जिसमें पुलिस पर पथराव किया गया। इलाके में यह अफवाह फैली कि छत्रपति संभाजीनगर जिले में स्थित औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर विहिप के आंदोलन के दौरान एक समुदाय के धर्म ग्रंथ को जला दिया गया।

भाषा यासिर मनीषा

मनीषा