संस्कृत को संचार का माध्यम बनाने की आवश्यकता : आरएसएस प्रमुख भागवत

संस्कृत को संचार का माध्यम बनाने की आवश्यकता : आरएसएस प्रमुख भागवत

संस्कृत को संचार का माध्यम बनाने की आवश्यकता : आरएसएस प्रमुख भागवत
Modified Date: August 1, 2025 / 12:23 pm IST
Published Date: August 1, 2025 12:23 pm IST

नागपुर, एक अगस्त (भाषा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार को कहा कि संस्कृत सभी भारतीय भाषाओं की जननी है और इसे संचार का माध्यम बनाने की आवश्यकता है।

कवि कुलगुरु कालीदास संस्कृत विश्वविद्यालय में एक भवन के उद्घाटन समारोह में भागवत ने कहा कि संस्कृत को समझने और उसमें संवाद करने की क्षमता रखने में अंतर होता है।

उन्होंने कहा कि संस्कृत विश्वविद्यालय को सरकारी संरक्षण मिलेगा, लेकिन जनता का संरक्षण मिलना भी जरूरी है।

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आरएसएस प्रमुख ने कहा, ‘‘मैंने यह भाषा सीखी है, लेकिन मैं इसे धाराप्रवाह नहीं बोल पाता हूं। संस्कृत को हर घर तक पहुंचाने की जरूरत है और इस भाषा में संवाद जरूरी है।’’

भागवत ने कहा कि ‘आत्मनिर्भर’ बनने की आवश्यकता पर सभी एकमत हैं, जिसके लिए हमें अपनी बुद्धि और ज्ञान का विकास करना होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘भाषा एक भाव है। स्वत्व कोई भौतिक चीज़ नहीं, बल्कि व्यक्तिगत है और यह भाषा के माध्यम से अभिव्यक्त होती है। संस्कृत सभी भारतीय भाषाओं की उत्पत्ति का स्रोत है।’’

आरएसएस प्रमुख ने कहा कि संस्कृत को जानना, देश को समझने के समान है।

भागवत ने विश्वविद्यालय में अभिनव भारती अंतरराष्ट्रीय अकादमिक भवन का उद्घाटन किया।

भाषा गोला शोभना

शोभना


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