आंध्र प्रदेश में एक किलो केला 50 पैसे में बिक रहा: जगन

आंध्र प्रदेश में एक किलो केला 50 पैसे में बिक रहा: जगन

आंध्र प्रदेश में एक किलो केला 50 पैसे में बिक रहा: जगन
Modified Date: December 1, 2025 / 09:08 pm IST
Published Date: December 1, 2025 9:08 pm IST

अमरावती, एक दिसंबर (भाषा) युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के प्रमुख वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने सोमवार को आंध्र प्रदेश सरकार पर किसानों को बेसहारा छोड़ने का आरोप लगाया और कहा कि इस वजह से एक किलो केला मात्र 50 पैसे में बिक रहा है जो एक माचिस के दाम से भी कम है।

रेड्डी ने लाखों रुपये निवेश करने के साथ महीनों तक कड़ी मेहनत करने वाले किसानों के लिए इसे एक जोरदार झटका बताया और कहा कि उपज के बदले में उन्हें (किसानों को) केवल दर्द ही मिल रहा है।

वाईएसआरसीपी प्रमुख ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “नमस्ते भारत, आंध्र प्रदेश की ओर देखिए। एक किलो केला मात्र 50 पैसे में बिक रहा है! जी हां, आपने सही सुना, 50 पैसे। आंध्र प्रदेश में केले के किसानों की यही दुर्दशा है।”

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उन्होंने दावा किया कि सिर्फ केला ही नहीं प्याज, टमाटर और अन्य फसलों का भी लाभकारी मूल्य नहीं मिल रहा है।

जगन ने आरोप लगाया कि तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (सरकार) ने वादों के विपरीत किसानों को मुफ्त फसल बीमा, आपदाओं के दौरान सब्सिडी और खेती में सहायता नहीं प्रदान की।

रेड्डी ने कहा कि वाईएसआरसीपी की पिछली सरकार के कार्यकाल में 2019 से 2024 के बीच केला की कीमत औसतन 25,000 रुपये प्रति टन बनाए रखी गई और इस तरह की स्थिति को रोकने के लिए नयी दिल्ली के लिए कई विशेष ट्रेन चलाई गईं जबकि राज्य भर में कोल्ड स्टोरेज बनाए गए।

उन्होंने उन खबरों पर भी चिंता व्यक्त की, जिनमें जिक्र किया गया था कि किसान बुनियादी उत्पादन लागत भी नहीं वसूल पा रहे हैं और उन्हें अपनी उपज औने-पौने दामों पर बेचने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जिससे कृषि ‘अव्यवहार्य और असंवहनीय’ हो गई है।

उन्होंने कहा कि अगर आज केले की कीमत 50 पैसे है, तो इसका मतलब है कि इसे उगाने वालों को उनकी गरिमा से वंचित किया जा रहा है

इस बीच, सत्तारूढ़ तेदेपा की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।

भाषा जितेंद्र संतोष

संतोष


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