पुणे कार दुर्घटना : किशोर न्याय बोर्ड के सदस्यों के आचरण की जांच के लिए समिति गठित |

पुणे कार दुर्घटना : किशोर न्याय बोर्ड के सदस्यों के आचरण की जांच के लिए समिति गठित

पुणे कार दुर्घटना : किशोर न्याय बोर्ड के सदस्यों के आचरण की जांच के लिए समिति गठित

:   Modified Date:  May 29, 2024 / 11:26 AM IST, Published Date : May 29, 2024/11:26 am IST

पुणे (महाराष्ट्र), 29 मई (भाषा) महाराष्ट्र सरकार ने पुणे कार दुर्घटना मामले में एक समिति गठित की है जो किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) के सदस्यों के आचरण की जांच करेगी और यह देखेगी कि क्या मामले में आदेश जारी करते हुए नियमों का पूर्णत: पालन किया गया था।

एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि राज्य महिला एवं बाल विकास विभाग (डब्ल्यूसीडी) ने पिछले सप्ताह पांच सदस्यीय समिति गठित की है।

उन्होंने बताया कि इसका नेतृत्व विभाग का उपायुक्त पद का एक अधिकारी कर रहा है और इसके अगले सप्ताह तक अपनी रिपोर्ट सौंपने की संभावना है।

पुणे के कल्याणी नगर में 19 मई को पोर्श कार चला रहे नाबालिग आरोपी ने एक मोटरसाइकिल पर सवार दो सॉफ्टवेयर इंजीनियर को कथित तौर पर टक्कर मार दी थी, जिससे उनकी मौत हो गयी थी। पुलिस ने दावा किया कि 17 वर्षीय आरोपी नशे की हालत में कार चला रहा था।

जेजेबी ने घटना के कुछ घंटों बाद नाबालिग को जमानत दे दी थी। उसने नाबालिग से सड़क दुर्घटनाओं पर 300 शब्दों का एक निबंध लिखने को कहा था जिसकी काफी आलोचना हुई थी।

डब्ल्यूसीडी आयुक्त प्रशांत नारनवरे ने बताया कि जेजेबी में न्यायपालिका का एक सदस्य और राज्य सरकार द्वारा नियुक्त दो लोग होते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने एक समिति गठित की है जो राज्य सरकार द्वारा नियुक्त जेजेबी सदस्यों के आचरण की जांच करेगी और यह देखेगी कि कार दुर्घटना मामले में आदेश जारी करते हुए नियमों का पूरी तरह पालन किया गया या नहीं।’’

नारनवरे ने कहा, ‘‘मेरे पास राज्य सरकार द्वारा नियुक्त सदस्यों के आचरण की जांच करने के लिए किशोर न्याय अधिनियम के तहत शक्तियां हैं। हमने दुर्घटना के बाद किशोर को जमानत देने वाले आदेश के संबंध में जेजेबी सदस्यों के आचरण की जांच करने के लिए एक समिति गठित की है।’’

उन्होंने बताया कि जमानत का आदेश जारी करने के तुरंत बाद समिति गठित की गयी थी।

एक और तीन सदस्यीय समिति नाबालिग आरोपी के रक्त नमूनों को कथित तौर पर बदलने की जांच कर रही है।

पुलिस ने सोमवार को दावा किया था कि किशोर के रक्त के नमूनों को किसी अन्य व्यक्ति के नमूनों से बदल दिया गया, जिससे जांच में शराब का कोई सबूत नहीं मिला।

भाषा

गोला मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)