पुणे, 18 फरवरी (भाषा) पुणे की एक विशेष अदालत ने हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर के विरुद्ध कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों को लेकर दायर मानहानि मामले में इस बात का हवाला देते हुए मंगलवार को उन्हें पेशी से स्थायी छूट दे दी कि कांग्रेस नेता को शीर्ष स्तरीय सुरक्षा प्राप्त है तथा वह विपक्ष के नेता हैं।
मानहानि मामले में गांधी की तरफ से पैरवी कर रहे अधिवक्ता मिलिंद पवार ने अदालत के समक्ष पिछले माह एक अर्जी दायर की थी जिसमें कांग्रेस नेता को पेशी से स्थायी छूट देने का अनुरोध किया गया था।
यह मामला सावरकर के एक रिश्तेदार द्वारा दायर किया गया था और इस मामले में राहुल गांधी को पहले ही जमानत दी जा चुकी है।
सांसद/विधायक अदालत के न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) अमोल शिंदे ने अपने आदेश में कहा कि आरोपी लोकसभा में विपक्ष के नेता हैं और उन्हें कई बैठकों में भाग लेना है।
राहुल गांधी को ‘जेड-प्लस’ श्रेणी की सुरक्षा मिले होने को ध्यान में रखते हुए अदालत ने आदेश में कहा कि सुरक्षा (पुणे यात्रा के दौरान) पर होने वाले खर्च तथा सुनवाई में शामिल होने पर कानून-व्यवस्था के मसले को ध्यान में रखते हुए उन्हें मामले में पेश होने से स्थायी छूट प्रदान की जाती है।
पिछले माह सावरकर के पौत्र की शिकायत पर दायर मामले में राहुल गांधी के अदालत के समक्ष ऑनलाइन माध्यम से पेश होने के बाद उन्हें जमानत दे दी गई थी।
यह शिकायत मार्च 2023 में लंदन में गांधी द्वारा दिए गए भाषण से संबंधित है। गांधी ने अपने भाषण में स्वतंत्रता सेनानी द्वारा लिखी गई एक किताब का हवाला देते हुए उन पर कुछ टिप्पणियां की थीं।
भाषा खारी माधव
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