मुंबई, 30 सितंबर (भाषा) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को कहा कि प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, बारिश और बाढ़ से राज्य में 60 लाख हेक्टेयर भूमि को नुकसान पहुंचा है और सरकार ने प्रभावित लोगों को सभी सुविधाएं मुहैया कराने का फैसला किया है, जो सूखे जैसी स्थिति में दी जाती हैं।
हालांकि, फडणवीस ने विपक्ष की मांग के अनुसार ‘‘ओला दुष्काल’’ घोषित नहीं किया और कहा कि आधिकारिक नियमावली में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।
मराठी में ‘ओला दुष्काल’ वह स्थिति है जिसमें किसी विशेष क्षेत्र में कुछ समय तक लगातार या अत्यधिक वर्षा होती है, जिसके परिणामस्वरूप फसलें नष्ट हो जाती हैं और बाढ़ से जान-माल की हानि होती है।
उन्होंने कहा कि क्षति का आकलन अगले दो से तीन दिनों में पूरा हो जाएगा और अगले सप्ताह एक व्यापक नीति की घोषणा की जाएगी।
फडणवीस ने मंत्रिमंडल की साप्ताहिक बैठक की अध्यक्षता करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘सभी आकलन पूरे होने के बाद, राहत पैकेज के लिए केंद्र को एक ज्ञापन भेजा जाएगा। इस बीच, राज्य सभी आवश्यक सहायता प्रदान करेगा। केंद्रीय कोष प्रतिपूर्ति की तरह होगा। सरकार (भारी बारिश और बाढ़ से हुए) नुकसान के लिए राहत पैकेज की घोषणा अगले सप्ताह करेगी।’’
उन्होंने कहा कि अगस्त तक फसल नुकसान के लिए 2,215 करोड़ रुपये की सहायता राशि का वितरण शुरू हो गया है।
फडणवीस ने कहा, ‘‘प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, 60 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को नुकसान हुआ है।’’
उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया कि दिवाली से पहले उनके बैंक खातों में राहत राशि जमा हो जाएगी।
फडणवीस ने कहा, ‘‘बारिश के कारण ओला दुष्काल की मांग उठाई गई है। हालांकि, आधिकारिक नियमावली में ऐसा (ओला दुष्काल) कोई उल्लेख नहीं है। बारिश के कारण ओला दुष्काल की कभी घोषणा नहीं की गई, लेकिन हमने प्रभावित लोगों को सूखे से संबंधित सभी लाभ देने का फैसला किया है।’’
पिछले सप्ताह हुई मूसलाधार बारिश और बाढ़ के चलते मराठवाड़ा के आठ जिलों और पश्चिमी महाराष्ट्र के सोलापुर, सतारा और सांगली सहित महाराष्ट्र के कई हिस्सों में लाखों एकड़ भूमि पर लगी फसलों को नुकसान पहुंचा।
जब किसान अस्तित्व के संकट से जूझ रहे हैं, वैसे समय में बैंकों द्वारा किसानों को ऋण वसूली नोटिस जारी करने के बारे में पूछे जाने पर फडणवीस ने स्पष्ट किया कि ये नोटिस पुरानी वसूली के लिए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘बैंकों को इस प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाने का निर्देश दिया जाएगा।’’
इस बीच, कांग्रेस विधायक दल के नेता विजय वडेट्टीवार ने बारिश से प्रभावित किसानों को ऋण वसूली नोटिस जारी करने को लेकर सरकार पर निशाना साधा है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि सितंबर में हुई मूसलाधार बारिश से 24 जिले और 137 तालुका प्रभावित हुए हैं, जिससे 26 लाख हेक्टेयर में फसलों को नुकसान पहुंचा है।
उन्होंने सवाल किया, ‘‘जब किसान नुकसान का सामना कर रहे हैं, तो बैंक ऋण वसूली नोटिस कैसे जारी कर सकते हैं? क्या सरकार सो रही है? उसने बैंकों को जबरन वसूली रोकने का निर्देश क्यों नहीं दिया?’’
उन्होंने कहा कि अहिल्यानगर, बीड, जालना, सोलापुर, धाराशिव, छत्रपति संभाजीनगर और यवतमाल जिले प्राकृतिक आपदाओं से सबसे ज़्यादा प्रभावित हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘करीब 52 लाख हेक्टेयर में खरीफ की फसलें बर्बाद हो गई हैं। बाढ़ और बारिश के कारण कृषि भूमि के कटाव के कारण खरीफ का मौसम बर्बाद हो गया है। यहां तक कि रबी का मौसम भी खतरे में है।’’
उन्होंने राज्य सरकार से जबरन ऋण वसूली तुरंत बंद करने की मांग की।
उन्होंने सरकार से अपील की कि वह दिवाली से पहले प्रभावित उन किसानों के पुनर्वास के लिए पर्याप्त राहत उपायों की घोषणा करे, जिनकी आजीविका नष्ट हो गई है।
उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रीय अधिकारियों की किसी भी टीम ने अभी तक बारिश प्रभावित इलाकों का दौरा नहीं किया है और राज्य सरकार पर दिल्ली भेजे जाने वाले राहत प्रस्ताव में देरी करने का आरोप लगाया।
भाषा
अमित सुरेश
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