आरएसएस का मिशन हिंदू समाज को अपनेपन की भावना से एक सूत्र में बांधना है: भागवत
आरएसएस का मिशन हिंदू समाज को अपनेपन की भावना से एक सूत्र में बांधना है: भागवत

पुणे, 27 जून (भाषा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार को कहा कि आरएसएस का मिशन यह सुनिश्चित करना है कि संपूर्ण हिंदू समाज ‘‘अपनापन और स्नेह की भावना’’ से एक सूत्र में बंधा रहे।
वह यहां प्रसिद्ध आयुर्वेद चिकित्सक स्वर्गीय पी वाई खडीवाले, जिन्हें ‘वैद्य खडीवाले’ के नाम से जाना जाता है, की जीवनी के विमोचन के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
भागवत ने कहा, ‘‘ पशुओं के विपरीत, मनुष्य के पास बुद्धि होती है। बुद्धि के विवेकपूर्ण उपयोग से वह और भी बेहतर बन सकता है, लेकिन उसी बुद्धि का गलत तरीके से उपयोग करने से वह और भी बुरा बन सकता है। एकमात्र चीज जो उसे बुरा बनने से रोकती है, वह है स्नेह और अपनेपन की भावना।’’
उन्होंने कहा कि ऐसे उदाहरण हैं कि लोग स्वार्थी हो जाने पर बुराई की ओर झुक जाते हैं। वहीं, अगर कोई व्यक्ति स्नेह और करुणा की ओर झुक जाता है, तो वह ईश्वरीय स्वरूप प्राप्त कर लेता है और खडीवाले की जीवन यात्रा इसकी एक बानगी है।
भागवत ने कहा कि संघ समाज को अपनेपन, स्नेह और करुणा की भावना की याद दिलाने की दिशा में भी काम करता है, जिसे वर्तमान समय में भुला दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘ संघ व्यक्ति को सिखाता है कि यदि कोई आपके प्रति अपनेपन की भावना दिखा रहा है, तो आपको भी उसके प्रति वैसा ही स्नेह और करुणा दिखानी चाहिए। संघ का कार्य यह सुनिश्चित करना है कि पूरा हिंदू समाज अपनेपन और स्नेह की भावना से बंधा रहे।’’
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि हिंदू समुदाय ने पूरे विश्व को एकता की भावना के सूत्र में बांधने की जिम्मेदारी ली है। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी में ‘गिविंग बैक’ (वापस देना) शब्द हाल ही में प्रचलन में आया है, लेकिन भारत में यह भावना काफी समय से मौजूद है।
भाषा धीरज संतोष
संतोष