संजय राउत का बड़ा बयान, लाखों शिवसैनिक हमारे एक इशारे का इंतजार कर रहे..मुंबई में तो आना पड़ेगा
2022 maharashtra political crisis : राउत ने कहा कि बागी विधायकों को जो करना है करने दो, मुंबई में तो आना पड़ेगा ना। वहां बैठकर हमें क्या सलाह दे रहे हैं? हज़ारों-लाखों शिवसैनिक हमारे एक इशारे का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन हमने अभी भी संयम रखा है।
2022 maharashtra political crisis
2022 maharashtra political crisis: मुंबई। महाराष्ट्र संकट पर शिवसेना नेता संजय राउत का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि लोग उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना पर भरोसा रखेंगे। कल उद्धव जी ने कहा कि जो लोग बाहर गए हैं वो शिवसेना नाम का इस्तेमाल ना करें और अपने बाप के नाम का इस्तेमाल करें और वोट मांगें।
इसके साथ ही राउत ने कहा कि बागी विधायकों को जो करना है करने दो, मुंबई में तो आना पड़ेगा ना। वहां बैठकर हमें क्या सलाह दे रहे हैं? हज़ारों-लाखों शिवसैनिक हमारे एक इशारे का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन हमने अभी भी संयम रखा है।
#WATCH लोग उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना पर भरोसा रखेंगे। कल उद्धव जी ने कहा कि जो लोग बाहर गए हैं वो शिवसेना नाम का इस्तेमाल ना करें और अपने बाप के नाम का इस्तेमाल करें और वोट मांगें: शिवसेना नेता संजय राउत, मुंबई pic.twitter.com/c7mo1b0EOW
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 26, 2022
बता दें कि इधर शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने 12 बजे गुवाहाटी के होटल में विधायकों की बैठक बुलाई है, जिसमें आगे की रणनीति पर चर्चा होगी ।
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2022 maharashtra political crisis: वहीं महाराष्ट्र के मंत्री और शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने कहा है कि महाराष्ट्र में पिछले 2-4 दिनों को देखकर ऐसा लगता है कि जो चले गए, वों अच्छे के लिए गए… पूरे देश ने देखा कि कोरोना के दौरान सबसे अच्छा काम करने वालों को अपना सरकारी आवास छोड़ना पड़ा। आदित्य ने कहा कि कई लोगों ने मुझसे कहा कि कई नेता आएंगे और जाएंगे लेकिन कोई भी इस मुख्यमंत्री जैसा नहीं होगा।
उन्होंने कह कि वे सूरत और फिर गुवाहाटी क्यों गए? पार्टी तोड़ने के लिए ही गए। वहां कई विधायक ऐसे हैं जिन्हें वहां रहने के लिए मजबूर किया गया है। 10-15 विधायक हमारे संपर्क में हैं। हमारे उन विधायकों पर लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं जिन्हें जबरन वहां ले जाया गया। उन पर प्रतिदिन 9 लाख रुपए खर्च किया जा रहा है और उसी असम में लाखों बाढ़ पीड़ितों को उनके हालातों पर छोड़ दिया गया है। पहली बार विपक्ष सत्ताधारी दल छोड़कर किसी गुट का समर्थन कर रहा है।
महाराष्ट्र में पिछले 2-4 दिनों को देखकर ऐसा लगता है कि जो चले गए, वों अच्छे के लिए गए… पूरे देश ने देखा कि कोरोना के दौरान सबसे अच्छा काम करने वालों को अपना सरकारी आवास छोड़ना पड़ा: महाराष्ट्र मंत्री और शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे (25.06) pic.twitter.com/hnurRXAp1r
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 26, 2022

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