सरपंच हत्याकांड : शिवसेना कार्यकर्ताओं ने पुणे में विरोध-प्रदर्शन किया

सरपंच हत्याकांड : शिवसेना कार्यकर्ताओं ने पुणे में विरोध-प्रदर्शन किया

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  • Publish Date - March 4, 2025 / 03:05 PM IST,
    Updated On - March 4, 2025 / 03:05 PM IST

पुणे, चार मार्च (भाषा) शिवसेना कार्यकर्ताओं ने महाराष्ट्र के बीड जिले के मसाजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या को लेकर मंगलवार को पुणे में विरोध-प्रदर्शन किया और अपराध में शामिल दोषियों को मौत की सजा देने की मांग की।

शिवसेना की पुणे इकाई के अध्यक्ष प्रमोद भांगिरे के नेतृत्व में हुए विरोध-प्रदर्शन में पार्टी कार्यकर्ताओं ने सरपंच हत्याकांड से जुड़े जबरन वसूली के एक मामले में गिरफ्तार वाल्मिक कराड का पुतला फूंका। कराड राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री रहे धनंजय मुंडे का करीबी सहयोगी बताया जाता है।

भांगिरे ने कहा, “देशमुख की निर्मम हत्या की गई। हम दोषियों को मौत की सजा दिए जाने की मांग करते हैं।”

देवेंद्र फडणवीस नीत सरकार में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री मुंडे ने आज दोपहर राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। विपक्षी दल सरपंच हत्याकांड से जुड़े जबरन वसूली के मामले में कराड का नाम सामने आने के बाद से ही मुंडे को मंत्री पद से हटाने की मांग कर रहा था।

देशमुख की हत्या से जुड़ी भयावह तस्वीरें और अदालती आरोपपत्र का विवरण सामने आने के बाद विपक्ष ने मुंडे के इस्तीफे की मांग तेज कर दी। इन तस्वीरों और अदालती आरोपपत्र से हत्या से पहले की गई क्रूरता का खुलासा हुआ है।

देशमुख को पिछले साल नौ दिसंबर को बीड की एक ऊर्जा कंपनी से जबरन वसूली के प्रयास को कथित तौर पर रोकने की कोशिश करने के लिए अगवा कर प्रताड़ित किया गया था और फिर उनकी हत्या कर दी गई थी।

राज्य अपराध अन्वेषण विभाग (सीआईडी) ने 27 फरवरी को देशमुख की हत्या और दो संबंधित मामलों में बीड जिले की एक अदालत में 1,200 से अधिक पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया।

महाराष्ट्र के ठाणे जिले में भी इसी तरह का विरोध-प्रदर्शन हुआ, जहां पार्टी कार्यकर्ता आनंद आश्रम के सामने एकत्र हुए। ठाणे के सांसद नरेश म्हस्के और पूर्व महापौर मीनाक्षी शिंदे के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने हत्या की निंदा करते हुए और देशमुख परिवार के लिए न्याय की मांग की।

म्हस्के ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि देशमुख हत्याकांड की सुनवाई त्वरित अदालत में की जानी चाहिए और दोषियों को मौत की सजा दी जानी चाहिए।

भाषा पारुल नरेश

नरेश