हिंदुत्व के मुद्दे पर चुनाव लड़ने वाली देश की पहली पार्टी है शिवसेना: संजय राउत

Hindutva issue in india: हिंदुत्व के मुद्दे पर चुनाव लड़ने वाली देश की पहली पार्टी है शिवसेना: संजय राउत...

हिंदुत्व के मुद्दे पर चुनाव लड़ने वाली देश की पहली पार्टी है शिवसेना: संजय राउत

Sanjay Raut's big statement

Modified Date: November 29, 2022 / 08:15 pm IST
Published Date: January 25, 2022 2:05 pm IST

मुंबई,  भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए शिवसेना सांसद संजय राउत ने मंगलवार को दावा किया कि शिवसेना हिंदुत्व के मुद्दे पर चुनाव लड़ने वाली देश की पहली पार्टी है। इससे पहले भाजपा ने आरोप लगाया था कि शिवसेना का हिंदुत्व केवल कागजों पर है।

राउत ने मुंबई की विले पार्ले विधानसभा सीट के लिए 1980 के दशक में हुए उपचुनाव का जिक्र करते हुए संवाददाताओं से कहा कि शिवसेना उम्मीदवार रमेश प्रभु हिंदुत्व के मुद्दे पर चुनाव लड़े थे।

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उन्होंने कहा कि पहली बार देश में चुनावी राजनीति में हिंदुत्व शब्द का इस्तेमाल किया गया था। उन्होंने कहा कि इस उपचुनाव में कांग्रेस और भाजपा भी मैदान में थे।

प्रभु ने 1987-88 में हुए उपचुनाव में विले पार्ले विधानसभा सीट पर जीत हासिल की थी और 1990 में हुए विधानसभा चुनाव में इस सीट पर कब्जा बरकरार रखा।

राउत ने विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा, ‘‘इस जीत के बाद भाजपा शिवसेना के पास हिंदुत्व के मुद्दे पर गठबंधन करने के लिए आई और बाला साहेब इस पर सहमत हो गए क्योंकि वह हिंदुओं के मतों का विभाजन नहीं चाहते थे। समकालीन भाजपा नेता इस इतिहास से अनभिज्ञ हैं।’’

दरअसल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को आरोप लगाया था कि भाजपा सत्ता के लिए हिंदुत्व का सहारा ले रही है जिसके बाद दोनों दलों के बीच जुबानी लड़ाई छिड़ गई थी।

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हिंदुत्व पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की टिप्पणी के एक दिन बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को कहा कि शिवसेना का हिंदुत्व केवल कागजों पर है और भाषणों के बाहर नजर नहीं आता।

फडणवीस ने सोमवार को कहा था, ‘‘राम जन्मभूमि आंदोलन में शिवसेना की ओर से किसने भाग लिया? हमने आंदोलन में गोलियां और लाठियां खाईं। आपका (शिवसेना का) हिंदुत्व केवल कागज पर है।’’

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राउत ने आरोप लगाया कि भाजपा ने प्रमोद महाजन, गोपीनाथ मुंडे और मनोहर पर्रिकर जैसे अपने दिवंगत नेताओं के परिवार के सदस्यों की उपेक्षा की जिन्होंने महाराष्ट्र और गोवा में पार्टी को खड़ा करने में मदद की थी।

राउत ने कहा कि शिवसेना के पार्षद और विधायक मुंबई से तब चुने गए थे जब भाजपा और देवेंद्र फडणवीस का जन्म भी नहीं हुआ था।

फडणवीस ने एक दिन पहले दावा किया था कि शिवसेना के गठन (1966) से भी पहले भाजपा का पूर्ववर्ती संगठन भारतीय जनसंघ था जिसके पार्षद बृहन्मुंबई महानगर पालिका में थे और राज्य में उसके विधायक भी थे।


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