नागपुर, 19 अप्रैल (भाषा) सोशल मीडिया के माध्यम से सनसनी फैलाने की चाहत नागपुर के दो निवासियों पर भारी पड़ गई और अब पुलिस ऐसे लोगों की तलाश कर रही है।
चोरों के एक गिरोह के छिपे होने की अफ़वाह ने नागपुर के पास के गांवों के लोगों की रातों की नींद हराम कर दी थी।
ओल्ड कैम्पटी निवासी मुख्य आरोपी पवन विनायक उके (29) ने ‘चोरों से सावधान’ नाम से एक व्हाट्सऐप ग्रुप बनाया और स्थानीय निवासी प्रदीप उके (34) सहित 145 लोगों को जोड़ा।
पुलिस ने शनिवार को बताया कि पिछले आठ दिनों में यह समूह क्षेत्र में घूम रहे ‘चोरों’ के बारे में झूठी सूचनाएं देने का केंद्र बन गया।
चोरों के डर से कई ग्रामीणों को रात में जागना पड़ा और कई लोग लाठी और मशाल के साथ सड़कों पर गश्त करते रहे।
पुलिस ने बताया कि ओल्ड कैम्पटी निवासी और समूह के सदस्य तेजस दिलीप भूरे (25) ने एक विवादास्पद वीडियो साझा किया।
हालांकि, बाद में पुलिस ने पुष्टि की कि वीडियो क्लिप कैम्पटी गांव की नहीं थी और इसे पूरी तरह से फर्जी खबर फैलाने के लिए पोस्ट किया गया था।
जब एक स्थानीय व्यक्ति ने ग्रुप के एडमिन पवन उके से इससे दहशत फैलने के बारे में सवाल किया, तो उन्होंने तुरंत ग्रुप को डिलीट कर दिया। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी, क्योंकि नुकसान हो चुका था और पुलिस को सूचना दे दी गई थी।
शिकायत के आधार पर कन्हान पुलिस ने अफवाह फैलाने और सार्वजनिक अशांति पैदा करने के आरोप में पवन उके और तेजस भूरे के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
नागपुर ग्रामीण पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे व्हाट्सऐप या अन्य मंचों के माध्यम से आने वाली अपुष्ट खबरों पर विश्वास न करें।
भाषा
शुभम दिलीप
दिलीप