ठाणे की अदालत ने बांग्लादेशी महिला को भारत में अवैध रूप से रहने का दोषी ठहराया
ठाणे की अदालत ने बांग्लादेशी महिला को भारत में अवैध रूप से रहने का दोषी ठहराया
ठाणे, 14 नवंबर (भाषा) महाराष्ट्र के ठाणे की एक अदालत ने एक बांग्लादेशी महिला को वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद भी भारत में रहने का दोषी ठहराया और उसे उसके देश वापस भेजने का आदेश दिया।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जी टी पवार द्वारा 11 नवंबर को जारी आदेश की एक प्रति शुक्रवार को उपलब्ध कराई गई।
सोबिरोनबेगम वहाब खा उर्फ रतना सिन्हा को नवघर पुलिस ने अगस्त 2023 में गिरफ्तार किया था। अतिरिक्त लोक अभियोजक मनीषा एन पावसे ने अदालत में साबित किया कि महिला का वीजा 2018 में समाप्त हो गया था।
बचाव पक्ष ने तर्क दिया कि महिला ने विवाह के माध्यम से भारतीय नागरिकता प्राप्त की थी लेकिन अदालत ने विदेशी अधिनियम के तहत “साक्ष्य के भार” का हवाला देते हुए इस दावे को खारिज कर दिया।
अदालत ने कहा, ‘‘…वह रिकॉर्ड में कोई भी ऐसा सबूत पेश करने में विफल रही जिससे पता चले कि उसने एक भारतीय नागरिक से शादी की और तदनुसार भारतीय नागरिकता हासिल की। न तो विवाह प्रमाणपत्र और न ही कोई अन्य दस्तावेज रिकॉर्ड में पेश किया गया।’’
न्यायाधीश ने उसे दो साल, दो महीने और 18 दिन के साधारण कारावास की सजा सुनाई और उस पर 2,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।
चूंकि महिला पहले ही जेल में यह अवधि बिता चुकी है इसलिए अदालत ने उसे तुरंत निर्वासित करने का आदेश दिया।
अदालत ने प्राधिकारियों से महिला का पासपोर्ट उसे लौटाने को कहा ताकि निर्वासन प्रक्रिया को सुगम बनाया जा सके।
भाषा गोला संतोष
संतोष

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