Case filed against protesters: लगातार ट्रेन लेट होने से परेशान थे लोग.. रोक दी थी ट्रेन, पुलिस ने 68 लोगों के खिलाफ दर्ज किया मामला
महाराष्ट्र के ठाणे जिले में ट्रेन रोकने के आरोप में 68 यात्रियों के खिलाफ मामला दर्ज
Case filed against protesters who stopped train || Image- IBC24 News File
- ट्रेन रोकने पर 68 यात्रियों पर मामला दर्ज।
- पनवेल-दहानू ट्रेन में देरी से यात्री नाराज़।
- जीआरपी ने ट्रेन संचालन में बाधा को बताया अपराध।
Case filed against protesters who stopped train : ठाणे: महाराष्ट्र के ठाणे जिले में ट्रेन सेवा में लगातार देरी का आरोप लगाते हुए ट्रेन को रोकने के आरोप में सात महिलाओं सहित 68 यात्रियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। यहां एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।भिवंडी रोड स्टेशन पर सोमवार रात हुई इस घटना के कारण ट्रेन करीब 40 मिनट देरी से चली।
डोंबिवली में राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के अधिकारी के अनुसार, पनवेल-दहानू ‘मेनलाइन इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट’ (मेमू) अपने निर्धारित समय रात आठ बजकर पांच मिनट के बजाय रात नौ बजकर आठ मिनट पर स्टेशन पहुंची। यात्रियों के एक समूह ने निर्धारित समय से बार-बार देरी से चलने का आरोप लगाते हुए ट्रेन के सामने विरोध प्रदर्शन किया। आंदोलनकारी यात्रियों का कहना था कि लंबी दूरी की ट्रेन को स्थानीय ट्रेन की तुलना में प्राथमिकता दी जा रही है।
Case filed against protesters who stopped train : जीआरपी के अधिकारी ने कहा, ‘‘पनवेल-दहानू मेमू ट्रेन पालघर, दहानू, बोइसर और नौकरी से संबंधित मुख्य केंद्रों जैसे ठाणे, भिवंडी और पनवेल के बीच यात्रा करने वाले दैनिक यात्रियों के लिए महत्वपूर्ण है। हालांकि, यह ट्रेन अक्सर परिचालन व्यवस्था के कारण देरी से पहुंचती है, क्योंकि लंबी दूरी की ट्रेन को इससे पहले गुजरने की अनुमति होती है।’’
यहां विरोध प्रदर्शन में 61 पुरुष और सात महिलाएं शामिल थीं, जिसके कारण रात करीब नौ बजकर 45 मिनट तक रेल परिचालन बाधित हो गया। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के कई बार प्रयास किए जाने के बाद प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर किया जा सका और इसके बाद ट्रेन को दहानू की ओर जाने की अनुमति मिल गई।
Case filed against protesters who stopped train : प्रदर्शन कर रहे यात्रियों में से एक ने कहा, ‘‘हम स्टेशन से दूर गांवों में रहते हैं। जब तक यह ट्रेन हमारे संबंधित स्टेशन पर पहुंचती है, तब तक सभी बसें और यात्रा के लिए सार्वजनिक वाहन जा चुके होते हैं। हम हर दिन फंसे रहते हैं।’’ जीआरपी अधिकारी ने यात्रियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के अपने फैसले के बारे में बताते हुए कहा कि रेल संचालन में बाधा डालना एक गंभीर अपराध है।

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