अमरावती, 19 जनवरी (भाषा) आंध्र प्रदेश सरकार ने राज्य में शुक्रवार को अपनी व्यापक जाति आधारित गणना की शुरूआत की। राज्य के एक मंत्री ने यह जानकारी दी।
सूचना एवं जन संपर्क मंत्री सी श्रीनिवास वेणुगोपाल कृष्णा ने बताया कि यह गणना 19 जनवरी से 10 दिनों तक की जाएगी।
उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘व्यापक जाति आधारित गणना पहले चरण में 10 दिनों तक होगी और इसे चार-पांच दिन बढ़ाया जाएगा।’’
मंत्री ने उल्लेख किया कि स्वयंसेवी जातिगत गणना के तहत विवरण जुटाने के लिए घर-घर जाएंगे।
बिहार के बाद जाति आधारित गणना कराने वाला आंध्र प्रदेश दूसरा राज्य बन गया है।
कृष्णा ने कहा कि पूरे प्रदेश में, ग्राम सचिवालय प्रणाली में अधिकारी स्वयंसेवियों द्वारा जुटाई गई जानकारी की सटीकता का सत्यापन करेंगे और अंतिम रिकार्ड बनाने से पहले, आवश्यक होने पर इसे दुरूस्त करेंगे।
प्रत्येक स्वयंसेवी 50 परिवारों की जानकारी जुटाएंगे।
कृष्णा ने विश्वास जताया कि समूची गणना प्रक्रिया 15 फरवरी के आसपास चुनाव अधिसूचना जारी होने से पहले पूरी की जाएगी।
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने जाति आधारित गणना को एक बड़ा लक्ष्य निर्धारित किया है और उसे लगता है कि इसके जरिये जुटाये गए आंकड़ों के आधार पर लोगों का जीवन स्तर बेहतर किया जा सकता है।
कृष्णा ने कहा कि ऐसी कई जातियां हैं जिन्हें कल्याण योजनाओं का लाभ नहीं मिला है और जाति आधारित गणना इसका समाधान करने में मदद करेगी।
इससे पहले, कृष्णा ने कहा था कि आजादी के बाद देश में जाति आधारित गणना नहीं हुई और सरकार ने केवल जनगणना कराई।
शुरूआत में यह घोषणा की गई थी कि जाति आधारित गणना में केवल 139 पिछड़ी जातियों को शामिल किया जाएगा, लेकिन अब इसके दायरे में आंध्र प्रदेश की सभी जातियों को शामिल किया गया है।
भाषा सुभाष नरेश
नरेश
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