Manikrao Kokate Controversial Statement/Image Credit: Manikrao Kokate X Handle
मुंबई: Manikrao Kokate Controversial Statement: हाल ही में महाराष्ट्र असेंबली में मोबाइल पर रमी खेलते हुए नजर आने वाले महाराष्ट्र के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे एक बार विवादों में घिर गए हैं। इस बार माणिकराव कोकाटे ने एक विवादास्पद टिप्पणी करते हुए सरकार को ‘भिखारी’ कहा है। कृषि मंत्री कोकाटे ने कहा कि, “सरकार किसानों को एक रुपया नहीं देती, बल्कि उनसे लेती है… सरकार खुद भिखारी है।”
कृषि मंत्री कोकाटे से जब पत्रकारों ने किसानों को लेकर की गई पुरानी टिप्पणी पर सवाल किया, तो उन्होंने ये टिप्पणी की। इससे पहले कोकाटे ने कहा था, “यहां तक कि भिखारी भी एक रुपए नहीं लेता, लेकिन हम एक रुपए में फसल बीमा दे रहे हैं, फिर भी कुछ लोग इसका दुरुपयोग कर रहे हैं।”
Manikrao Kokate Controversial Statement: महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कृषि मंत्री कोकाटे के इस विवादित बयान को अनुचित बताते हुए कहा कि, ‘राज्य सरकार ने किसानों के हित में कई सुधारात्मक कदम उठाए हैं।’ वहीं, राकांपा (एसपी) सांसद सुप्रिया सुले ने इसे महाराष्ट्र के लोगों और पूर्व मुख्यमंत्रियों का अपमान बताया। उन्होंने कहा कि, ‘इस असंवेदनशील बयान को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।’
Manikrao Kokate Controversial Statement: आपको बता दें कि, मंत्री कोकाटे इससे पहले विधानसभा में रमी गेम खेलने के आरोपों को लेकर भी विपक्षी दलों के निशाने पर थे। विपक्षी दलों ने मंत्री कोकाटे के इस्तीफे की मांग की थी। इतना ही विपक्षी दलों ने मंत्री कोकाटे का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल किया था, जिसमे मंत्री मंत्री विधानमंडल के दौरान मोबाइल पर ‘जंगली रमी’ गेम खेलते दिख रहे हैं।
Manikrao Kokate Controversial Statement: इसके बाद कोकाटे ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि, ‘वह सिर्फ एक गेम को हटाने की कोशिश कर रहे थे जो पॉप-अप के तौर पर आया था। उन्होंने दावा किया कि उन्हें ‘रमी’ खेलना आता ही नहीं और उनका मोबाइल किसी गेम से लिंक नहीं है।’ कोकाटे ने इस विवाद को साजिश बताते हुए कहा कि वह उन नेताओं पर मानहानि का मुकदमा करेंगे जिन्होंने अधूरा वीडियो जारी कर उन्हें बदनाम किया। उन्होंने कहा, “अगर वीडियो सही साबित हुआ तो मैं इस्तीफा दे दूंगा।” कोकाटे पहले भी विवादास्पद बयानों के लिए चर्चा में रहे हैं। अप्रैल में उन्होंने आरोप लगाया था कि, कुछ किसान सरकारी मदद को शादियों और सगाई में खर्च करते हैं। हालांकि बाद में उन्होंने इस पर खेद जताया और माफी मांगी थी।’