शिवसेना (उबाठा) नेता खैरे ने लोकसभा चुनाव में हार के लिए पार्टी सहयोगी दानवे को जिम्मेदार ठहराया

शिवसेना (उबाठा) नेता खैरे ने लोकसभा चुनाव में हार के लिए पार्टी सहयोगी दानवे को जिम्मेदार ठहराया

शिवसेना (उबाठा) नेता खैरे ने लोकसभा चुनाव में हार के लिए पार्टी सहयोगी दानवे को जिम्मेदार ठहराया
Modified Date: April 14, 2025 / 07:46 pm IST
Published Date: April 14, 2025 7:46 pm IST

मुंबई, 14 अप्रैल (भाषा) शिवसेना (उबाठा) नेता और पूर्व सांसद चंद्रकांत खैरे ने सोमवार को अपने पार्टी सहयोगी अंबादास दानवे पर निशाना साधा और पिछले साल महाराष्ट्र की औरंगाबाद (छत्रपति संभाजीनगर) लोकसभा सीट से हार के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया।

खैरे ने बिना विस्तृत जानकारी दिए आरोप लगाया कि पार्टी के जमीनी कार्यकर्ताओं का मानना ​​है कि महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता दानवे ने “समझौते” किये।

मराठवाड़ा क्षेत्र के वरिष्ठ नेता ने कहा कि उन्होंने शिवसेना (उबाठा) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) दानवे के खिलाफ शिकायत की है।

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खैरे ने कहा, “वह (दानवे) लोकसभा चुनाव में मेरी हार के लिए जिम्मेदार हैं। शिवसैनिकों को लगता है कि वह समझौता करते हैं। मैंने उद्धव (ठाकरे) जी से दो बार शिकायत की है। उन्हें (ठाकरे को) इस पर कुछ निर्णय लेने होंगे।”

लोकसभा में औरंगाबाद का चार बार प्रतिनिधित्व करने वाले पूर्व सांसद ने कहा कि उन्होंने मध्य महाराष्ट्र के मराठवाड़ा में शिवसेना को खड़ा करने के लिए कड़ी मेहनत की और यहां तक ​​कि जेल भी गए।

उन्होंने दावा किया कि अप्रैल-मई 2024 में हुए लोकसभा चुनावों के दौरान उनसे सलाह लिए बिना टिकट बांटे गए और छह महीने बाद हुए विधानसभा चुनावों में छत्रपति संभाजीनगर (औरंगाबाद) जिले में पार्टी का एक भी उम्मीदवार नहीं जीता।

छत्रपति संभाजीनगर जिले में छह विधानसभा क्षेत्र हैं।

खैरे ने कहा, “मुझे विश्वास है कि पार्टी नेतृत्व (दानवे के खिलाफ) कार्रवाई करेगा।”

खैरे की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए दानवे ने कहा कि पूर्व सांसद वरिष्ठ नेता हैं और वह कोई भी कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र हैं।

छत्रपति संभाजीनगर से शिवसेना (उबाठा) के दो वरिष्ठ नेताओं के बीच विवाद विपक्षी पार्टी के लिए अच्छा संकेत नहीं है।

मराठवाड़ा का प्रवेशद्वार माना जाने वाला यह जिला कभी अविभाजित शिवसेना का गढ़ हुआ करता था। हालांकि, खैरे दो बार – 2019 और 2024 में लोकसभा सीट हार गए।

भाषा प्रशांत अविनाश

अविनाश


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