टीआईएसएस ने अनुबंधों का नवीनीकरण न करने का कर्मचारियों को दिया गया विवादास्पद नोटिस वापस लिया

टीआईएसएस ने अनुबंधों का नवीनीकरण न करने का कर्मचारियों को दिया गया विवादास्पद नोटिस वापस लिया

टीआईएसएस ने अनुबंधों का नवीनीकरण न करने का कर्मचारियों को दिया गया विवादास्पद नोटिस वापस लिया
Modified Date: June 30, 2024 / 09:18 pm IST
Published Date: June 30, 2024 9:18 pm IST

मुंबई, 30 जून (भाषा) टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान (टीआईएसएस) ने रविवार को कहा कि उसने 55 शिक्षण और 60 शिक्षकेतर कर्मचारियों को अनुबंध का नवीनीकरण न करने के संबंध में दिए गए नोटिस वापस ले लिए हैं और उन्हें अपना काम जारी रखने को कहा है।

परिपत्र में टीआईएसएस ने कहा कि सभी 55 शिक्षण और 60 शिक्षकेतर कर्मचारियों को ‘टाटा एजुकेशन ट्रस्ट (टीईटी)’ द्वारा वित्त पोषित कार्यक्रमों के तहत नियुक्त किया गया था और उनकी नियुक्ति अनुबंध पर एक निश्चित अवधि के लिये की गई थी।

टीआईएसएस के चार परिसरों- मुंबई, तुलजापुर, हैदराबाद और गुवाहाटी में शिक्षण और शिक्षकेतर कर्मचारियों का अनुबंध 30 जून (रविवार) को समाप्त होने वाला था।

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परिपत्र में कहा गया है कि टीईटी के साथ चल रही बातचीत में आश्वासन दिया गया है कि इस मुद्दे को सुलझाने के लिए टीआईएसएस को संसाधन उपलब्ध कराया जाएगा।

परिपत्र में कहा गया है कि साथ ही टीईटी ने उसके द्वारा वित्त पोषित कार्यक्रमों के तहत नियुक्त शिक्षकों और शिक्षकेतर कर्मचारियों के वेतन के लिए धनराशि जारी करने की प्रतिबद्धता जताई है।

परिपत्र में कहा गया है, ‘टीईटी द्वारा वित्त पोषित कार्यक्रमों के तहत नियुक्त शिक्षकों और शिक्षकेतर कर्मचारियों को 28 जून 2024 को भेजे गए पत्र को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाता है और उनसे अनुरोध है कि वे अपना काम जारी रखें और टीईटी सहायता अनुदान प्राप्त होते ही उनका वेतन जारी कर दिया जाएगा।’

एक शिक्षक ने कहा, ‘हमें 28 जून को अनुबंधों के नवीनीकरण न किए जाने के बारे में जानकारी दी गई थी। हमने टीआईएसएस प्रशासन से कहा कि जब तक टाटा ट्रस्ट से कोई जवाब नहीं आ जाता, तब तक वह (अनुबंधों का नवीनीकरण न किए जाने से संबंधित) पत्र जारी न करे। हम मिलकर समाधान खोजने का प्रयास करते हैं, लेकिन हमारी इस अपील को कोई समर्थन नहीं मिला।’

कुछ शिक्षकों ने दावा किया, ‘हमने पिछले महीने प्रशासन से वित्त पोषण की स्थिति के बारे में पूछा था और हमें बताया गया था कि चिंता करने की कोई बात नहीं है, लेकिन अचानक नोटिस जारी कर दिए गए कि धन की कमी के कारण अनुबंधों का नवीनीकरण नहीं किया गया है। यह प्रशासन की तरफ से कुप्रबंधन है, जो पैदा होने वाले हालात का पूर्वानुमान नहीं लगा सका।’

भाषा

योगेश दिलीप

दिलीप


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