मुंबई, 18 नवंबर (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने एलगार परिषद-माओवादी संपर्क मामले में आरोपी कवि वरवर राव को महाराष्ट्र में तलोजा जेल अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण करने के लिए दी गयी अवधि बृहस्पतिवार को दो दिसंबर तक के लिए बढ़ा दी। राव अभी स्वास्थ्य आधार पर जमानत पर हैं।
उच्च न्यायालय ने इसी साल 22 फरवरी को राव (83) को छह महीने के लिए अंतरिम जमानत दी थी और उन्हें पांच सितंबर को आत्मसमर्पण करना था। कवि व कार्यकर्ता राव ने अपने वकीलों आर सत्यनारायणन तथा वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद ग्रोवर के जरिए एक याचिका दायर कर मेडिकल जमानत की अवधि बढ़ाने का अनुरोण किया था। उन्होंने जमानत के दौरान अपने गृहनगर हैदराबाद में रहने की अनुमति देने का भी अनुरोध किया था।
न्यायमूर्ति नितिन जामदार और न्यायमूर्ति एसवी कोतवाल की पीठ को बृहस्पतिवार को ग्रोवर ने बताया कि जमानत पर बाहर रहने के दौरान राव की तबीयत बिगड़ गई थी और उन्हें छह नवंबर से 16 नवंबर तक मुंबई के निजी संचालित नानावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था। ग्रोवर ने पीठ से राव की जमानत की अवधि चार महीने के लिए बढ़ाने का अनुरोध किया।
राष्ट्रीय अन्वेषण अधिकरण (एनआईए) के वकील संदेश पाटिल ने कहा कि वर्तमान याचिका में राव को अपना अनुरोध मेडिकल जमानत बढ़ाने तक ही सीमित रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि आरोपी को अन्य राहत के लिए अलग से याचिका दायर करने का निर्देश दिया जाना चाहिए।
अदालत ने राव की याचिका पर सुनवाई 29 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी। इसके साथ ही पीठ ने नानावती अस्पताल को मामले में सुनवाई की अगली तारीख तक राव की ताजा मेडिकल रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया और कहा कि उन्हें दो दिसंबर तक आत्मसमर्पण करने की आवश्यकता नहीं है।
भाषा अविनाश अनूप
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