(तस्वीरों के साथ)
मुंबई, दो मई (भाषा) बॉलीवुड सुपरस्टार आमिर खान और फिल्म निर्माता दिनेश विजन ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय फिल्म निर्माताओं को अपनी फिल्मों का विपणन करते समय भारत से आगे भी देखना चाहिए और विभिन्न देशों में वितरण नेटवर्क स्थापित करने की जरूरत है।
आमिर ने मुंबई में आयोजित वेव्स शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन ‘‘स्टूडियोज ऑफ द फ्यूचर: पुटिंग इंडिया ऑन द वर्ल्ड स्टूडियो मैप’’ सत्र में हिस्सा लिया। इस साथ में उनके साथ ‘स्त्री’ के निर्माता दिनेश विजन, एक्सेल एंटरटेनमेंट के रितेश सिधवानी, पीवीआर आईनॉक्स के प्रमुख अजय बिजली, वरिष्ठ अमेरिकी निर्माता चार्ल्स रोवन और मुंबई स्थित वीएफएक्स फर्म डीएनईजी के सीईओ नमित मल्होत्रा भी शामिल हुए।
सुपरस्टार-निर्माता आमिर ने न केवल भारत में बल्कि विश्व स्तर पर भी बेहतर वितरण नेटवर्क की वकालत की।
आमिर ने कहा, ‘‘भारतीय फिल्म निर्माताओं के तौर पर हमें अलग-अलग देशों में वितरण नेटवर्क स्थापित करने में समय देना होगा, उसके बाद चीजें बदलनी शुरू होंगी। हमने इसके बारे में चिंता नहीं की है।’’उन्होंने इस सत्र के दौरान देश भर में और अधिक सिनेमाघरों में निवेश करने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया।
विजन ने आमिर से सहमति जताते हुए कहा कि फिल्म निर्माण व्यवसाय में ‘‘कंटेंट राजा है, लेकिन डिस्ट्रिब्यूशन (वितरण) भगवान है।’’
निर्माता विजन ने कहा, ‘‘उन्होंने (हॉलीवुड ने) अंतरराष्ट्रीय बाजार बनाने के लिए समय लगाया और प्रयास किया है। इसके लिए लगन और पैसे की जरूरत है। इसलिए, हमें ऐसा करने की जरूरत है। हमारे पास इतना संगठित तरीका नहीं है। जैसा कि हर कोई कहता है, कंटेंट ही राजा है, लेकिन एक बहुत बुद्धिमान व्यक्ति ने मुझे बताया कि डिस्ट्रिब्यूशन भगवान है। इसलिए, मुझे नहीं लगता कि हमारी फिल्में इतनी दूर तक पहुंच पाती हैं कि हमें इस पर काम करने की जरूरत है।’’
‘द डार्क नाइट’ नाम की तीन फिल्मों की श्रृंखला और ‘‘बैटमैन वर्सेस सुपरमैन: डॉन ऑफ जस्टिस’’ जैसी ब्लॉकबस्टर के वितरण में शामिल रोवेन ने कहा कि भारतीय फिल्म निर्माता हॉलीवुड से सीख सकते हैं कि वैश्विक स्तर पर अपने वितरण नेटवर्क को कैसे बढ़ाया जाए।
रोवेन ने कहा, ”आपका व्यवसाय भारत के अंदर है और मेरा व्यवसाय दुनिया भर में है। मॉडल पूरी तरह से अलग है। आपके पास एक निश्चित तरह से बहुत अधिक स्वतंत्रता है, आप सभी विषय-वस्तु की फिल्में बनाते हैं और आप तय करते हैं कि इसे कैसे प्रदर्शित करेंगे। यह (वितरण का काम) आप इसे (फिल्म को) पूरा करने के बाद करते हैं या कभी-कभी इससे पहले करते हैं। ”
उन्होंने कहा कि भारत के विपरीत, पश्चिम में निर्माता निर्माण शुरू करने से पहले ही यह निर्णय ले लेते हैं कि कोई विशेष फिल्म सिनेमाघर में रिलीज होगी या स्ट्रीमिंग पर।
पीवीआर आईनॉक्स के प्रमुख अजय बिजली ने सिनेमाघरों में भारतीय फिल्मों की प्रभावशाली व्यावसायिक सफलता की सराहना की ।
भाषा धीरज पवनेश
पवनेश
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