मराठों को कुनबी प्रमाण पत्र देने के सरकारी आदेश के खिलाफ अदालत जाऊंगा : छगन भुजबल
मराठों को कुनबी प्रमाण पत्र देने के सरकारी आदेश के खिलाफ अदालत जाऊंगा : छगन भुजबल
मुंबई, तीन सितंबर (भाषा) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता एवं महाराष्ट्र के मंत्री छगन भुजबल ने बुधवार को कहा कि वह पात्र मराठों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र जारी करने के सरकारी आदेश के खिलाफ अदालत का रुख करेंगे।
मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे की भूख हड़ताल के बीच जारी शासी संकल्प (जीआर) पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के प्रमुख नेता भुजबल दिन में हुई कैबिनेट की बैठक में शामिल नहीं हुए।
भुजबल ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘ओबीसी नेताओं को जीआर पर संदेह है… कि जरांगे के आंदोलन के बाद कौन जीता। हम इस बारे में कानूनी राय ले रहे हैं कि क्या सरकार लोगों की जाति बदलने के लिए अधिकृत है।’’
जब उनसे पूछा गया कि क्या वह स्वयं शासी आदेश के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे, तो भुजबल ने हां में जवाब दिया।
उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष एवं उपमुख्यमंत्री अजित पवार द्वारा बुलाई गई पार्टी नेताओं की बैठक में भी हिस्सा नहीं लिया।
इस बीच, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भुजबल से बात करेंगे और उन्हें तथ्य समझाएंगे।
उन्होंने कहा कि तथ्यों की जानकारी मिलने के बाद भुजबल को संतुष्ट किया जाएगा।
शिंदे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सरकार द्वारा लिया गया निर्णय कानून सम्मत है। निर्णय लेते समय किसी अन्य समुदाय के साथ कोई अन्याय नहीं किया गया है।’’
मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने सरकार द्वारा उनकी अधिकांश मागों को माने जाने के बाद मंगलवार को मुंबई में अपना पांच-दिवसीय विरोध प्रदर्शन समाप्त कर दिया। उनकी मांगों में पात्र मराठाओं को कुनबी जाति का प्रमाण पत्र प्रदान करना भी शामिल है, जिससे वे ओबीसी को मिलने वाले आरक्षण लाभ के पात्र हो जाएंगे।
कुनबी एक पारंपरिक कृषक समुदाय है जो महाराष्ट्र में ओबीसी श्रेणी में शामिल है, लेकिन ओबीसी समुदाय मराठों को इस श्रेणी में शामिल किए जाने का विरोध कर रहे हैं।
भाषा रवि कांत सुरेश
सुरेश

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