Boycott of CG Panchayat elections 2025: The polling station

Boycott of CG Panchayat elections 2025 : वोटिंग के दिन सूना पड़ा मतदान केंद्र, पंचायत चुनाव का ग्रामीणों ने किया बहिष्कार, वजह जान हो जाएंगे हैरान

वोटिंग के दिन सूना पड़ा रहा मतदान केंद्र...Boycott of CG Panchayat elections 2025: The polling station remained deserted on the day of voting

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Reported By: Mohandas Manikpuri

Modified Date: February 17, 2025 / 01:49 PM IST
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Published Date: February 17, 2025 1:35 pm IST

बालोद : Boycott of CG Panchayat elections 2025 :  छत्तीसगढ़ में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के पहले चरण में बालोद जिले के डौंडी लोहारा ब्लॉक के ग्राम पंचायत टटेंगा गांव के ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार कर दिया है। सुबह से ही मतदान केंद्र सूना पड़ा है, जबकि जिले में अन्य 543 मतदान केंद्रों पर सुबह 7 बजे से मतदान प्रक्रिया जारी है।

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Boycott of CG Panchayat elections 2025 :  ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार करते हुए सरपंच और पंच पदों के लिए किसी भी उम्मीदवार को खड़ा नहीं किया। उनके अनुसार, प्रशासन से कई सालों से लंबित मांगों को पूरा करने की गुहार लगाई गई, लेकिन अब तक समाधान नहीं हुआ। ग्राम पंचायत टटेंगा से आश्रित गांव कसही को अलग कर टटेंगा को पूर्ण पंचायत का दर्जा दिया जाए। गांव तक जाने वाली सड़क लंबे समय से जर्जर हालत में है, उसे दुरुस्त किया जाए। विधायक द्वारा घोषित मंदिर निर्माण कार्य अब तक शुरू नहीं हुआ, इसे जल्द पूरा किया जाए।

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Boycott of CG Panchayat elections 2025 :  प्रशासन के अनुसार, टटेंगा के आश्रित गांव कसही में पंच पद के लिए चार उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है, इसलिए वहां मतदान प्रक्रिया सामान्य रूप से चल रही है। हालांकि, टटेंगा गांव के लोगों की शिकायतों पर भी ध्यान दिया जाएगा।

टटेंगा गांव के लोगों ने पंचायत चुनाव का बहिष्कार क्यों किया?

गांव के लोग पूर्ण पंचायत का दर्जा, मुख्य मार्ग की मरम्मत, और मंदिर निर्माण जैसी लंबित मांगों के पूरा न होने से नाराज थे, इसलिए उन्होंने मतदान का बहिष्कार किया।

क्या पूरे ग्राम पंचायत में मतदान नहीं हुआ?

नहीं, टटेंगा के आश्रित गांव कसही में पंच पद के लिए उम्मीदवार मैदान में हैं, इसलिए वहां मतदान हो रहा है।

प्रशासन ने टटेंगा गांव के बहिष्कार पर क्या कहा?

प्रशासन ने कहा कि गांव वालों की मांगों को सुना जाएगा, लेकिन फिलहाल कसही में चुनाव प्रक्रिया सामान्य रूप से जारी है।

क्या टटेंगा गांव में पंचायत चुनाव आगे दोबारा होंगे?

यदि ग्रामीण अपने निर्णय पर कायम रहते हैं और कोई भी प्रत्याशी नामांकन नहीं भरता, तो प्रशासन को आगे विशेष चुनाव प्रक्रिया अपनानी पड़ सकती है।

इस चुनाव बहिष्कार से टटेंगा गांव के विकास पर क्या असर पड़ेगा?

यदि गांव में प्रतिनिधित्व नहीं होगा, तो प्रशासनिक योजनाओं और विकास कार्यों को लेकर निर्णय लेने में देरी हो सकती है, इसलिए सरकार और ग्रामीणों के बीच संवाद होना जरूरी है।