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Jodhpur News: नवरात्रि के पावन पर्व पर भक्ति और आस्था का रंग पूरे देश में देखने को मिलता है, माउंट आबू के अर्बुदा माता मंदिर की एक अनोखी घटना ने सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। इस शक्तिपीठ मंदिर में नवरात्रि के दौरान खास पूजा-अर्चना के समय भालू भी दर्शन के लिए आते हैं। ये भालू मंदिर परिसर में आकर प्रसाद खाते हैं और बिना किसी को नुकसान पहुंचाए वापस चले जाते हैं। इस प्राकृतिक और रहस्यमयी घटना ने श्रद्धालुओं के मन में आस्था को और भी गहरा कर दिया है।
दरअसल, अर्बुदा माता मंदिर हिंदू धर्म के 52 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव जब अपनी पत्नी सती के शव के साथ तांडव नृत्य कर रहे थे, तब भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से सती के शरीर को कई टुकड़ों में विभाजित कर दिया। सती के होंठ (अधर) इसी स्थान माउंट आबू पर गिरे थे, जिसके कारण यह स्थान शक्तिपीठ के रूप में प्रतिष्ठित हुआ। मंदिर में सती माता के होठों की पूजा होती है और यही पूजा भालुओं को भी आकर्षित करती है।
Jodhpur News: नवरात्रि के दिनों में मंदिर की पूजा की घंटियां बजते ही भालू मंदिर की सीढ़ियों पर आ जाते हैं। वे शांतिपूर्ण ढंग से दर्शन करते हैं, प्रसाद ग्रहण करते हैं और फिर शांति से वापस चले जाते हैं। पुजारी और स्थानीय श्रद्धालु भालुओं को गेहूं के दाने भी खिलाते हैं। अब तक इस दौरान भालुओं ने किसी श्रद्धालु को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है, जिससे सभी की आस्था और विश्वास दोगुना हो गया है।
आज के युग में जहां विज्ञान हर चीज को तर्क के दायरे में रखता है, वहीं इस तरह की घटनाएं सोचने को मजबूर कर देती हैं। जब भक्ति, श्रद्धा और प्रकृति का अनोखा मेल देखने को मिलता है, तब हमें एहसास होता है कि कुछ घटनाएं सिर्फ आस्था के माध्यम से ही समझी जा सकती हैं। इस मंदिर में भालुओं का आना एक चमत्कार जैसा प्रतीत होता है, जो विश्वास और प्रेम की शक्ति को दर्शाता है।
Jodhpur News: माउंट आबू के अर्बुदा माता मंदिर में भालुओं के इस अनोखे दर्शन को देखकर पर्यटक और श्रद्धालु भी दंग रह जाते हैं। कई लोग इस घटना को देखकर हैरान रह जाते हैं और इस पर विश्वास करना मुश्किल समझते हैं। लेकिन जो लोग यहां आते हैं, वे इस अनोखी घटना का गवाह बनते हैं और अपनी आंखों से इस भक्ति और प्रेम के अनोखे रूप को देखते हैं।