Shardiya Navratri Day 9: नवरात्रि का आखरी दिन आज, मां सिद्धिदात्री की होगी पूजा-अर्चना, जानें आज के दिन क्या करना चाहिए…

Shardiya Navratri Day 9: नवरात्रि का आखरी दिन आज, मां सिद्धिदात्री की होगी पूजा-अर्चना, जानें आज के दिन क्या करना चाहिए…

shardiya navratri day 9

Modified Date: October 1, 2025 / 08:59 am IST
Published Date: October 1, 2025 8:59 am IST
HIGHLIGHTS
  • नवरात्रि का नौवां दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा का विशेष महत्व
  • 1 अक्टूबर 2025 को नवमी तिथि और कन्या पूजन होगा
  • मां सिद्धिदात्री को मां दुर्गा की नौवीं शक्ति माना जाता है

Shardiya Navratri Day 9: शारदीय नवरात्रि का नौवां दिन यानी नवमी तिथि 1 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी, जिसमें मां सिद्धिदात्री की विशेष पूजा और अर्चना की जाती है। नवरात्रि के अंतिम दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा का विशेष महत्व होता है। इन्हें मां दुर्गा की नौवीं शक्ति माना जाता है, जो भक्तों के समस्त कष्टों को हरकर सभी प्रकार की सिद्धि प्रदान करती हैं।

वराह पुराण में मां सिद्धिदात्री का वर्णन

मान्यता है कि शिवजी के आधे शरीर की स्त्री स्वरूपता मां सिद्धिदात्री की कृपा से ही संभव हुई थी, जिसके कारण शिवजी को अर्द्धनारीश्वर भी कहा जाता है। वराह पुराण में भगवान शिव ने मां सिद्धिदात्री की महिमा का वर्णन किया है। ब्रह्माजी के अनुसार नवमी तिथि को स्थिरचित्त होकर ध्यान और समाधि द्वारा इनका आराधन करना चाहिए, जिससे सम्पूर्ण जीवों को वरदान प्राप्त होते हैं।

सरस्वती का स्वरूप हैं माता सिद्धिदात्री

मां सिद्धिदात्री का वाहन सिंह है और वे कमल के पुष्प पर विराजमान होती हैं। मां सिद्धिदात्री को मां सरस्वती का स्वरूप भी माना जाता है। शास्त्रों में बताया गया है कि वैदिक एवं सप्तशती मंत्रों के माध्यम से षोडशोपचार पूजा कर माता का आह्वान करना चाहिए।

 ⁠

इसके बाद मां के ध्यान मंत्र का जाप शुभ फल देता है। “सिद्धगंधर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि। सेव्यमाना यदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायनी॥” इस मंत्र का जप मां सिद्धिदात्री की कृपा को प्राप्त करने का सर्वोत्तम उपाय है।

नवमी तिथि पर कन्या पूजन भी शुभ

नवमी तिथि पर कन्या पूजन भी किया जाता है, जो नवरात्रि व्रत की पूर्णता का प्रतीक होता है। कन्या पूजन का विशेष विधान पुराणों में उल्लेखित है। देवी भावत पुराण में कहा गया है कि पूजन में एक वर्ष की कन्या को नहीं लिया जाना चाहिए क्योंकि वह भोग और पूजा के नियमों को नहीं समझ पाती। कुमारी कन्या की आयु दो से दस वर्ष के बीच होनी चाहिए।

शास्त्रों के अनुसार, दो वर्ष की कन्या को त्रिमूर्ति, तीन वर्ष की कल्याणी, चार वर्ष की रोहिणी, पांच वर्ष की कालिका, छह वर्ष की चण्डिका, सात वर्ष की शाम्भवी, आठ वर्ष की दुर्गा, और दस वर्ष की कन्या को सुभद्रा कहा जाता है। इसी आयु वर्ग की कन्याओं का विधिवत् पूजन करना शुभ माना गया है।

इस प्रकार नवरात्रि के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा और कन्या पूजन से न केवल धार्मिक अनुष्ठान पूर्ण होते हैं, बल्कि यह शुभता, समृद्धि और सिद्धियों की प्राप्ति का मार्ग भी खोलता है। इसलिए इस दिन श्रद्धा और विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करना अत्यंत फलदायी होता है।

read more: MP Weather News: मध्यप्रदेश में दशहरे के दिन मौसम के बिगड़ेंगे तेवर, आज भी होगी झमाझम बारिश, ये शहर वाले छाता लेकर ही बाहर निकलें…

read more: Janjgir-Champa Gang Rape News: घर जा रही महिला से सामूहिक दुष्कर्म, पुलिस ने 7 आरोपियों को लिया हिरासत में


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

पत्रकारिता और क्रिएटिव राइटिंग में स्नातक हूँ। मीडिया क्षेत्र में 3 वर्षों का विविध अनुभव प्राप्त है, जहां मैंने अलग-अलग मीडिया हाउस में एंकरिंग, वॉइस ओवर और कंटेन्ट राइटिंग जैसे कार्यों में उत्कृष्ट योगदान दिया। IBC24 में मैं अभी Trainee-Digital Marketing के रूप में कार्यरत हूँ।