31 मई विश्व तंबाकू निषेध दिवस : तम्बाकू और धूम्रपान करने वाले लोगों को कोरोना से 50% ज़्यादा जोखिम, शरीर के हर अंग पर होगा दुष्प्रभाव

31 मई विश्व तंबाकू निषेध दिवस : तम्बाकू और धूम्रपान करने वाले लोगों को कोरोना से 50% ज़्यादा जोखिम, शरीर के हर अंग पर होगा दुष्प्रभाव

Modified Date: November 29, 2022 / 08:12 PM IST
Published Date: May 31, 2021 7:08 am IST

नई दिल्ली। 31 मई विश्व तंबाकू निषेध दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ.हर्षवर्धन ने बताया कि तम्बाकू और खासकर धूम्रपान करने वाले लोगों को कोविड के कारण होने वाले घातक परिणामों जिसमें मृत्यु भी शामिल है का 40-50% ज़्यादा जोखिम होता है। इससे सिर्फ फेफड़े, हृदय और कैंसर जैसी बीमारियां ही नहीं बल्कि शरीर के हर अंग पर दुष्प्रभाव पड़ता है।

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फेफड़े का कैंसर लोगों में काफी आम है और दुनिया भर में कैंसर से संबंधित मौतों का एक प्रमुख कारण भी यही है। दुनियाभर में कैंसर के जितने भी मामले हैं, उनमें से 13 फीसदी फेफड़े के कैंसर से संबंधित है और कैंसर से संबंधित 19 प्रतिशत मौतों के लिए भी यही जिम्मेदार है।

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा भारत में हर वर्ष लगभग 13,00,000 के करीब मौतें तम्बाकू और धूम्रपान के कारण होती हैं जो लगभग 3,500 मौतें प्रतिदिन है। खासकर भारत में पिछले वर्षों के अध्ययन बताते हैं कि तम्बाकू का इस्तेमाल करने वालों की संख्या में 6% कमी आई है। यह 34.6% से 28.6% हो गया है।

लेखक के बारे में

लेखक डॉ.अनिल शुक्ला वर्ष 2019 से छत्तीसगढ़-मध्यप्रदेश के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में सीनियर एसोसिएट प्रोड्यूसर और शिफ्ट इंचार्ज हैं। वर्ष 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय, चित्रकूट, सतना, मध्यप्रदेश से पत्रकारिता एवं जनसंचार विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। इसके पहले महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा, महाराष्ट्र से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर, छत्तीसगढ़ से एम.एससी इन इलेक्ट्रानिक मीडिया (M.sc EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम स्थान पर आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इनके अलावा गुरूघासीदास विश्वविद्यालय से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। लेखक ने पोस्ट ग्रेजुएशन डिप्लोमा इन जर्नलिज्म एण्ड मासकम्यूनिकेशन (PGDJMC) और पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन रूरल डेवलेपमेंट (PGDRD) विषय में एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। लेखक ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता निभाया है। तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। लेखक को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है।