1. T-50 – भारत की सबसे लंबी परिवहन सुरंग लंबाई: 12.77 किमी | स्थान: सुम्बर–खरी T-50 सुरंग, भारत की सबसे लंबी परिवहन सुरंग है, जो कश्मीर घाटी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाली एक जीवनरेखा बनकर खड़ी है। इसे "न्यू टनलिंग मेथड" से बनाया गया है, और यह क्वार्टजाइट, ग्नाइस और फिल्लाइट जैसे कठिन चट्टानों से होकर गुजरती है। इसमें एक मुख्य मार्ग के साथ-साथ एक समानांतर सुरक्षा सुरंग है, जो हर 375 मीटर पर क्रॉस-पैसेज से जुड़ी हुई है। निर्माण के दौरान भूस्खलन, अत्यधिक पानी का रिसाव, कमजोर ज़ोन और ज्वालामुखीय चट्टानों की चुनौतियों का सामना करना पड़ा। इंजीनियरों ने तीन एडिट (प्रवेश सुरंगें) बनाकर एक साथ कई बिंदुओं से खुदाई कर कार्य में तेजी लाई। (image credit: Railway dpr)
1. T-50 – भारत की सबसे लंबी परिवहन सुरंग लंबाई: 12.77 किमी | स्थान: सुम्बर–खरी T-50 सुरंग, भारत की सबसे लंबी परिवहन सुरंग है, जो कश्मीर घाटी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाली एक जीवनरेखा बनकर खड़ी है। इसे "न्यू टनलिंग मेथड" से बनाया गया है, और यह क्वार्टजाइट, ग्नाइस और फिल्लाइट जैसे कठिन चट्टानों से होकर गुजरती है। इसमें एक मुख्य मार्ग के साथ-साथ एक समानांतर सुरक्षा सुरंग है, जो हर 375 मीटर पर क्रॉस-पैसेज से जुड़ी हुई है। निर्माण के दौरान भूस्खलन, अत्यधिक पानी का रिसाव, कमजोर ज़ोन और ज्वालामुखीय चट्टानों की चुनौतियों का सामना करना पड़ा। इंजीनियरों ने तीन एडिट (प्रवेश सुरंगें) बनाकर एक साथ कई बिंदुओं से खुदाई कर कार्य में तेजी लाई। (image credit: Railway dpr)
3. T-34 – दोहरी संरचना की इंजीनियरिंग लंबाई: 5.099 किमी | स्थान: पाई-खड्ड से अंजी खड्ड यह सुरंग दोहरी टनल प्रणाली पर आधारित है — एक मुख्य सुरंग ट्रेन संचालन के लिए और एक समानांतर सुरक्षा सुरंग, जो हर 375 मीटर पर क्रॉस-पैसेज से जुड़ी हुई है। यह भारत के पहले केबल-स्टे रेलवे ब्रिज, अंजी खड्ड पुल से जुड़ी हुई है। (Image credit: Railway dpr)
3. T-34 – दोहरी संरचना की इंजीनियरिंग लंबाई: 5.099 किमी | स्थान: पाई-खड्ड से अंजी खड्ड यह सुरंग दोहरी टनल प्रणाली पर आधारित है — एक मुख्य सुरंग ट्रेन संचालन के लिए और एक समानांतर सुरक्षा सुरंग, जो हर 375 मीटर पर क्रॉस-पैसेज से जुड़ी हुई है। यह भारत के पहले केबल-स्टे रेलवे ब्रिज, अंजी खड्ड पुल से जुड़ी हुई है। (Image credit: Railway dpr)
5. T-23 – तकनीकी नवाचार का उदाहरण लंबाई: 3.15 किमी | स्थान: उधमपुर–चक रकवाल T-23, इस खंड की सबसे लंबी सुरंग है जिसमें बिना बैलास्ट की ट्रैक प्रणाली है। 2008 में इसमें भारी दबाव, सूजन और नीचे की ओर उठाव जैसी समस्याएँ आईं। विशेषज्ञ हस्तक्षेप के बाद इसे सफलतापूर्वक पूरा किया गया। (Image credit: Railway dpr)
6. T-1 – उन्नत तकनीक से बनी सुरंग लंबाई: 3.209 किमी T-1 सुरंग भी मुख्य सीमा रेखा (Main Boundary Thrust) की चुनौतियों से जूझी, जिसमें भारी कीचड़ और पानी का रिसाव शामिल था। "आई-सिस्टम ऑफ टनलिंग" तकनीक से इन समस्याओं का समाधान किया गया। (image credit: Railway dpr)
7. T-25 – भूमिगत जलधारा से जंग लंबाई: 3 किमी T-25 सुरंग का निर्माण छह वर्षों तक चला, जिसमें सबसे बड़ी चुनौती 2006 में खुदाई के दौरान खोजी गई भूमिगत जलधारा थी। यह धार 500 से 2000 लीटर प्रति सेकंड पानी बहा रही थी। इस प्राकृतिक चुनौती का सामना करते हुए सुरंग निर्माण सफलतापूर्वक पूरा किया गया। (image credit: Railway dpr)