75 के धवल-धवल, सतत उर्वर होते मोदी

75 के धवल-धवल, सतत उर्वर होते मोदी

PM Modi in Bihar Election/Image Credit: ANI X Handle

Modified Date: September 17, 2025 / 04:00 pm IST
Published Date: September 17, 2025 4:00 pm IST

17 सितंबर : जन्मदिवस विशेष

प्रधानमंत्री मोदी 2025 में 75 साल के हो जायेंगे। लेकिन अभी भी वे लगातार परिश्रम करते दिख रहे हैं। इतनी ऊर्जा आखिर वो कहां से पा रहे हैं। इसका जिक्र प्रधानमंत्री स्वयं एक वार्तालाप के दौरान करते हैं। इस वार्तालाप में वो एक छोटी बच्ची का हवाला देते हुए कहते हैं, जो अपने भाई को अपनी पीठ पर लाद कर पहाड़ पर चढ़ती जा रही थी।तभी उस बच्ची से किसी ने पूछा कि तुम इतनी छोटी हो और तुम इसको अपनी पीठ पर लाद कर पहाड़ पर चढ़ती जा रही हो, तुम थक नहीं रही हो, तुमको थोड़ा भी दर्द नहीं होता। तो बच्ची ने हांफते हुए किंतु मुस्कुराते हुए कहा कि यह मेरा भाई है, यह मेरा अपना भाई है, इसी कारण मैं इसको पीठ में लेकर चढ़ती जा रही हूं और मेरे अंदर के भाई के प्रेम भाव की वजह से मुझे कोई थकान और दर्द महसूस नहीं हो रहा है। प्रधानमंत्री मोदी इसी बच्ची से अपनी प्रेरणा लेते हुए लगातार देश की सेवा में लगे हुए हैं। बिना थके, बिना रुके बिना आराम किए वो देश को विकसित करने की दिशा में अनवरत चलते जा रहे हैं और वो भी मुस्कुरास्ते हुए। साथियों इसीलिए ही तो प्रधानमंत्री मोदी धवल-धवल,सबल-सबल एक विराट व्यक्तित्व हैं।
14 साल सीएम और 11 साल पीएम रहकर हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने आजाद भारत के अब तक के सबसे करिश्माई राजनेता होने का गौरव हासिल कर लिया है। अपने घर में आम आदमी को अपने परिवार में किसी मसले पर आम सहमति बनाने के लिये कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है, वहीं हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 141 करोड़ के देश में अपनी लोकप्रियता लगातार पिछले 25 सालों से बरकरार रखी है। देश के विकास पर इतनी असीम ललक की वजह से ईश्वर इनकी ऊर्जा और भाग्य में लगातार उत्तरोत्तर वृद्धि करते जा रहा है। मोदी सरकार के आर्थिक विकास, राष्ट्रीय सुरक्षा, सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों को अब तक जनता ने काफी पसंद किया। उम्मीद है कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के संपूर्ण तीसरे कार्यकाल में तकनीकी नवाचार, बुनियादी ढांचे के विकास और अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति पर नए सिरे से जोर दिया जाएगा, जिससे भारत एक वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित होगा। सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ के आदर्श वाक्य से प्रेरित होकर प्रधानमंत्री श्री मोदी ने शासन में एक आदर्श बदलाव की शुरुआत की है जिससे समावेशी, विकासोन्मुख और भ्रष्टाचार मुक्त शासन का मार्ग प्रशस्त हुआ है। प्रधानमंत्री ने अंत्योदय के उद्देश्य को साकार करने और समाज के अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति को सरकार की योजनाओं और पहल का लाभ सुनिश्चित करने के लिए स्पीड और स्केल पर काम किया है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत रिकॉर्ड गति से गरीबी को खत्म कर रहा है। आज भारत दुनिया के सबसे बड़े स्वास्थ्य सेवा कार्यक्रम ‘आयुष्मान भारत’ सफलतापूर्वक चला रहा है। 50 करोड़ से अधिक भारतीयों को कवर करते हुए आयुष्मान भारत, गरीब और नव-मध्यम वर्ग को उच्च गुणवत्ता और सस्ती स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित कर रहा है। गरीबों को वित्तीय धारा जोड़ने के लिए पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री जन-धन योजना शुरू की, जिसका उद्देश्य प्रत्येक भारतीय का बैंक खाता खोलना था। अब तक 51 करोड़ से अधिक जन-धन खाते खोले जा चुके हैं। इन खातों ने न केवल गरीबों को बैंक से जोड़ा, बल्कि सशक्तीकरण के अन्य रास्ते भी खोले हैं। जन-धन से एक कदम आगे बढ़ते हुए श्री मोदी ने समाज के सबसे कमजोर वर्गों को बीमा और पेंशन कवर देकर जन सुरक्षा पर जोर दिया। JAM ट्रिनिटी (जन धन- आधार- मोबाइल) ने बिचौलियों को समाप्त कर दिया है और प्रौद्योगिकी के माध्यम से पारदर्शिता और गति सुनिश्चित की है। 2016 में गरीबों को मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना शुरू की गई थी। यह योजना 10 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को धुआं मुक्त रसोई प्रदान करने में गेम-चेंजर साबित हुई है। आजादी के 70 साल बाद भी जिन 18,000 गांवों में बिजली नहीं थी, उनमें बिजली पहुंचा दी गई है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का मानना है कि कोई भी भारतीय बेघर नहीं होना चाहिए और इस विजन को साकार करने के लिए, 2014 और 2024 के बीच पीएम आवास योजना के तहत 4.2 करोड़ से अधिक घरों को मंजूरी दी गई। कृषि एक ऐसा क्षेत्र है जो श्री नरेन्द्र मोदी के बहुत करीब है। 2019 के अंतरिम बजट के दौरान सरकार ने किसानों के लिए पीएम किसान सम्मान निधि के रूप में एक मौद्रिक प्रोत्साहन योजना की घोषणा की। 24 फरवरी 2019 को योजना के शुरू होने के बाद लगभग हर 3 महीने में नियमित रूप से किस्तों का भुगतान किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी मेहनत और विकास कार्यों की वजह से ही देश ही नहीं दुनिया में भी अपनी लोकप्रियता लगातार बरकरार रखी है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को गुजरात के एक छोटे से शहर में हुआ था। वे पिछड़ा वर्ग परिवार से आते हैं। वह बेहद गरीब, लेकिन प्यार देने वाले परिवार में पले बढ़े। जीवन की शुरुआती कठिनाइयों ने न केवल उन्हें कड़ी मेहनत के मूल्यों को सिखाया बल्कि उन्हें आम लोगों के कष्टों से भी अवगत कराया। आम जन की गरीबी ने उन्हें बहुत कम उम्र में ही लोगों और राष्ट्र की सेवा में समर्पित होने के लिए प्रेरित किया। अपने प्रारंभिक वर्षों में उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के साथ काम किया, जो राष्ट्र निर्माण के लिए समर्पित एक राष्ट्रवादी संगठन है और बाद में राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर भारतीय जनता पार्टी के संगठन में काम करने के लिए खुद को राजनीति में समर्पित किया। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में एमए की पढ़ाई पूरी की है। उन्हें भारत के सबसे ज्यादा टेक्नो-सेवी लीडर के रूप में भी जाना जाता है। राजनीति से परे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखना पसंद है। उन्होंने कविता समेत कई किताबें लिखी हैं। वह अपने दिन की शुरुआत योग से करते हैं। योग उनके शरीर और दिमाग को मजबूत बनाता है और तेज गति चलने वाली दिनचर्या में शांति की शक्ति पैदा करता है।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को बचपन में नरिया कहकर बुलाया जाता था 1965 में भारत-पाक युद्ध के दौरान उन्होंने स्टेशन से गुजर रहे सैनिकों को चाय पिलाई थी। नरेंद्र मोदी बड़नगर के भागवत आचार्य नारायण आचार्य स्कूल में पढ़ते थे। नरेंद्र मोदी स्कूल में औसत छात्र थे, बचपन में उन्हें एक्टिंग का शौक था वाद विवाद नाटक को पुरस्कारों में भाग लेकर एनसीसी में भी शामिल हुए। शर्मिष्ठा तालाब से अपने बचपन में घड़ियाल का बच्चा पकड़ कर घर लेकर आ गए। मां के समझाने पर वापस से उसे तलाब छोड़कर आए। बचपन में साधु संतों से प्रभावित थे, सन्यासी बनना चाहते थे। सन्यासी बनने के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी स्कूल की पढ़ाई के बाद घर से भाग गए थे। इस दौरान प्रधानमंत्री श्री मोदी पश्चिम बंगाल के रामकृष्ण आश्रम सहित कई जगहों पर घूमते रहे। 1958 में दीपावली के दिन गुजरात के पहले प्रांत प्रचारक लक्ष्मण राव ईमानदार उर्फ वकील साहब ने नरेंद्र मोदी को स्वयं सेवक़ की शपथ दिलाई। वे आरएसएस के बड़े शिविरों के आयोजन में मैनेजमेंट का हुनर रखते थे। आरएसएस नेताओं का ट्रेन और रिजर्वेशन का जुम्मा इन्हीं के पास था। 18 साल की उम्र में शादी हुई। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी अहमदाबाद में संघ मुख्यालय में रहते तो यहां सारे छोटे-मोटे काम करते थे। जिसमें साफ सफाई, चाय बनाना बुजुर्ग नेताओं के कपड़े धोना आदि शामिल था। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी कोई भी काम शुरू करने से पहले मां का आशीर्वाद लेते थे। गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह बाघेला उन्हें अपनी स्कूटर में घुमाया करते थे। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कुर्ते की बांह छोटी करवा ली थी ताकि वह ज्यादा गंदा और खराब ना हो। जो वर्तमान में मोदी ब्रांड का कुर्ता बन गया और देश भर में मशहूर है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी प्रचारकों के विपरीत दाढ़ी रखते हैं और ट्रीम भी करवाते हैं।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी इमरजेंसी के दौरान सरदार का रूप धरकर ढाई सालों तक पुलिस को छुपाते रहे और और छकाते रहे। हिंदुत्व पर गुजराती भाषा में कई लेख लिख चुके प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी महान विचारक और युवा दार्शनिक स्वामी विवेकानंद से बहुत प्रभावित हैं। गुजरात में विवेकानंद युवा यात्रा निकाली थी। शाकाहारी हैं। सिगरेट-शराब को कभी हाथ नहीं लगाया। समय के बड़े पाबंद हैं। 3: 30 घंटे की नींद लेते हैं। सुबह 5: 30 बजे उठ जाते हैं। और दिन में 18- 18 घंटे लगातार कार्य करते जा रहे हैं। इसलिए ही तो 75 के धवल धवल, सतत उर्वर होते मोदी आज भी दुनिया में भारत की यशस्वी पताका को और पुरजोर ढंग से फहराते जा रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को जन्मदिवस की मेरी कोटि कोटि स्वर्णिम शुभकामनायें। ईश्वर से प्रार्थना है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी इसी तरह जीवन पर्यन्त सतत सक्रिय रहें।

(लेखक- बृजमोहन अग्रवाल, रायपुर लोकसभा सांसद, पूर्व कैबिनेट मंत्री छत्तीसगढ़ भाजपा सरकार)

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(आलेख में व्यक्ति विचारों से जुड़े विवाद के लिए लेखक जिम्मेदार हैं।)


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Associate Executive Editor, IBC24 Digital