Chhattisgarh Liquor Scam: ED ने पेश की 29,800 पेज की अंतिम चार्जशीट, सौम्या चौरसिया और निरंजन दास समेत 59 नए आरोपियों के नाम शामिल

Chhattisgarh Liquor Scam: ईडी ने छत्तीसगढ़ शराब “घोटाले” में अंतिम अभियोजन शिकायत दायर की, 59 और आरोपी नामजद

Chhattisgarh Liquor Scam: ED ने पेश की 29,800 पेज की अंतिम चार्जशीट, सौम्या चौरसिया और निरंजन दास समेत 59 नए आरोपियों के नाम शामिल

Chhattisgarh Liquor Scam

Modified Date: December 26, 2025 / 11:07 pm IST
Published Date: December 26, 2025 10:39 pm IST
HIGHLIGHTS
  • शराब घोटाला मामले में ED ने पेश किया कोर्ट में अंतिम चालान
  • लगभग 29 हज़ार 800 से अधिक पन्नों का पेश हुआ चार्जशीट
  • 81 आरोपियों के ख़िलाफ़ पेश हुआ चालान
  • अदालत में अब शुरू होगी सुनवाई की प्रक्रिया

रायपुर: Chhattisgarh Liquor Scam, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ में कथित शराब घोटाला मामले में शुक्रवार को अंतिम अभियोजन शिकायत दायर की, जिसमें 59 अतिरिक्त आरोपियों के नाम शामिल किए गए हैं। इसके साथ ही धन शोधन मामले में कुल आरोपियों की संख्या 81 हो गई है। ईडी के अधिवक्ता सौरभ कुमार पांडे ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उच्चतम न्यायालय के निर्देश का पालन करते हुए यहां पीएमएलए के विशेष अदालत में अंतिम अभियोजन शिकायत दायर की गई।

उन्होंने बताया कि पहले इस मामले में 22 लोगों को आरोपी बनाया गया था और उनमें से कई को गिरफ्तार किया गया था। उन आरोपियों से संबंधित जांच पूरी करने के बाद, अतीत में उनके खिलाफ अभियोजन शिकायतें दायर की गई थीं। पांडे ने बताया कि अब 59 और लोगों के खिलाफ अंतिम अभियोजन शिकायत दायर की गई है, जिनके खिलाफ जांच पूरी हो चुकी है।

Chhattisgarh Liquor Scam, उन्होंने बताया कि मामले में नामजद नए आरोपियों में मुख्यमंत्री कार्यालय में तत्कालीन उप सचिव सौम्या चौरसिया, पूर्व आईएएस अधिकारी निरंजन दास, शराब लाइसेंस धारक, वितरक और आबकारी विभाग के अधिकारी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि मामले से जुड़ी सामग्री में बैंकिंग चैनलों के माध्यम से प्राप्त प्रत्यक्ष सबूत, धनशोधन के प्रयासों को दर्शाने वाले दस्तावेज और डिजिटल सबूत शामिल हैं।

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तत्कालीन आयुक्त निरंजन दास ने कथित तौर पर शराब घोटाले में मदद की

Chhattisgarh Liquor Scam, पांडे ने बताया कि राज्य आबकारी विभाग के तत्कालीन आयुक्त निरंजन दास ने कथित तौर पर शराब घोटाले में मदद की और यह सुनिश्चित किया कि कहीं भी कोई दंडात्मक कार्रवाई न हो, जिससे घोटाला बेरोकटोक जारी रहा।

उन्होंने बताया कि इस मामले में शामिल अपराध की कुल आय लगभग तीन हजार करोड़ रुपये होने का अनुमान है। ईडी के अनुसार, राज्य में शराब ‘घोटाला’ 2019 और 2022 के बीच हुआ था, जब छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार थी। ईडी के मुताबिक कथित घोटाले के परिणामस्वरूप राज्य के खजाने को ‘भारी नुकसान’ हुआ और “शराब सिंडिकेट के लाभार्थियों की जेबें भर गईं।”

ईडी ने इस साल जनवरी में कांग्रेस विधायक और पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को और जुलाई में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को कथित शराब घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया था।

एजेंसी ने दावा किया कि लखमा अपराध से मिले पैसे का मुख्य लाभार्थी था, जबकि चैतन्य बघेल ने कथित तौर पर सिंडिकेट द्वारा कमाए गए लगभग एक हजार करोड़ रुपये को संभालने में अहम भूमिका निभाई थी। व्यवसायी अनवर ढेबर (कांग्रेस नेता और रायपुर के पूर्व मेयर एजाज ढेबर के भाई), पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, इंडियन टेलीकॉम सर्विस (आईटीएस ) अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी और कुछ अन्य लोगों को भी ईडी ने इस मामले में पहले गिरफ्तार किया था।

राज्य की आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा/एंटी करप्शन ब्यूरो ने भी कथित घोटाले में प्राथमिकी दर्ज की है और भ्रष्टाचार की जांच कर रही है। 22 दिसंबर को ईओडब्ल्यू /एसीबी ने चैतन्य बघेल के खिलाफ शराब घोटाले में अपनी सातवीं सहायक आरोप पत्र दायर किया था।

राज्य की एजेंसी ने दावा किया कि सबूतों से पता चलता है कि चैतन्य ने उच्च स्तर पर अपराध से मिले पैसे को सम्हालने के साथ-साथ अपने हिस्से के तौर पर लगभग 200-250 करोड़ रुपये प्राप्त किए। यह दावा किया गया है कि घोटाले की चल रही जांच से पता चलता है कि कथित घोटाले से अपराध से मिले पैसे की कुल रकम 3500 करोड़ रुपये से ज़्यादा हो सकती है।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com