Ek Diya Ram Ke Naam
रायपुरः Ek Diya Ram Ke Naam आज पूरा देश राममय हैं। हर किसी को अयोध्या में 22 जनवरी के उस ऐतिहासिक क्षण की प्रतीक्षा है जब भगवान राम की प्राण-प्रतिष्ठा होगी, वह अपने घर लौटेंगे। ऐसे में आईबीसी24 भी अपनी खास पेशकश ‘एक दीया राम के नाम’ के साथ इस पूरे हर्ष और उल्लास को अपने दर्शको, पाठकों के साथ साझा कर रहा हैं।
Ek Diya Ram Ke Naam इस अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव ने ‘एक दीया राम के नाम’ पर हमसे बातचीत की और श्रीराम के गौरव गाथा पर विस्तार से चर्चा की। इस बातचीत में उन्होंने श्रीराम की स्मृतियों, छत्तीसगढ़ से उनके संबंध और भाजपा के लिए राम नाम के महत्त्व को बताया।
राम सबके राम हैं। वे भक्तराज भरत के हैं, तटस्थ रहकर संकटकाल में प्रशासनिक व्यवस्था संभालने वाले शत्रुघ्न के हैं, वे शेषावतार लक्ष्मण के हैं, वे भक्तिबल के महापुंज हनुमान के हैं, वनवासी निषाध के हैं, सेवक केवट के हैं, नवधा भक्ति की प्रतीक जनजाति समाज की माता शबरी के हैं। राम तो उन कैकई के भी हैं, जिन्होंने उन्हें राजतिलक से वंचित कर वनवास दिलाया। इसलिए कहा जाता है राम सबके हैं। जनजातीय समाज से राम का नाता ज्यादा दिखाई देता है। जनजातीय समाज सबका पालनहार होता है। सबका ख्याल रखने वाला होता है। सबका सम्मान करने वाला सच्चा सनातनी होता है।