Ambubachi Mahayog 2025: आज से तीन दिनों के लिए बंद रहेंगे मां कामाख्या के कपाट, 27 जून तक नहीं मिलेगा VIP पास, जानें वजह

Ambubachi Mahayog 2025: आज से तीन दिनों के लिए बंद रहेंगे मां कामाख्या के कपाट, 27 जून तक नहीं मिलेगा VIP पास, जानें वजह

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  • Publish Date - June 22, 2025 / 08:12 AM IST,
    Updated On - June 22, 2025 / 08:12 AM IST

Ambubachi Mahayog 2025/Image Credit: IBC24 File

HIGHLIGHTS
  • अम्बुवाची पर्व 2025 की तैयारियां पूरी
  • मां कामाख्या के कपाट आज से तीन दिनों के लिए बंद
  • 26 जून सुबह देवी स्नान और दैनिक अनुष्ठान के बाद खुलेंगे द्वार

Ambubachi Mahayog 2025: गुवाहाटी। असम के गुवाहाटी में अम्बुवाची पर्व 2025 की तैयारियां पूरी हो गई हैं। बता दें कि, मां कामाख्या देवी के कपाट आज से तीन दिनों के लिए बंद रहेंगे। मिली जानकारी के मुताबिक, आज दोपहर 2:56 बजे से कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद होंगे। इसके बाद 26 जून सुबह देवी स्नान और दैनिक अनुष्ठान के बाद द्वार खुलेंगे।

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तीन दिनों के लिए रजस्वला हो जाती हैं मां 

बता दें कि, हर वर्ष देश और दुनिया से तंत्र-मंत्र साधक अंबुवासी मेले में आते हैं। मां तीन दिनों के लिए रजस्वला हो जाती हैं, इसलिए इस दौरान मां के दर्शन नहीं होते। मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। यह स्त्री की सृजनात्मक शक्ति, स्त्रीत्व, उर्वरता की पवित्रता का उत्सव है। इस दौरान किसान खेतों की जुताई नहीं करते। मां कामाख्या देवी के रजस्वला होने के दौरान प्रतिमा के आस-पास सफेद कपड़ा बिछा दिया जाता है। तीन दिन बाद जब मंदिर के दरवाजे खोले जाते हैं, तब वह वस्त्र माता के रज से लाल होता है। कहा जाता है कि जिस भी भक्त को यह वस्त्र मिलता है, उसके सारे कष्ट दूर हो जाता हैं।

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27 जून तक VIP दर्शन के लिए जारी नहीं होगा पास

22 से 27 जून तक VIP दर्शन के लिए कोई पास जारी नहीं किया जाएगा। चार दिनों तक चलने वाला यह उत्सव देवी कामाख्या के वार्षिक मासिक धर्म चक्र का प्रतीक है। मान्यता के अनुसार, तंत्र साधना की पूर्णाहुति अंबुवासी योग के दौरान ही होती है। इसलिए नीलांचल पहाड़ी की कई गुफाओं में तंत्र साधक इस दौरान कठिन तपस्या कर तंत्र साधना की अंतिम क्रिया को संपन्न करते हैं।

अंबुवाची पर्व क्या है और इसका महत्व क्या है?

अंबुवाची पर्व मां कामाख्या देवी के प्राकृतिक मासिक धर्म को दर्शाने वाला अनोखा और पवित्र पर्व है। इसे स्त्री शक्ति और सृजन की शक्ति का प्रतीक माना जाता है। इस दौरान देवी को रजस्वला माना जाता है और मंदिर के कपाट बंद रहते हैं।

2025 में अंबुवाची पर्व की तिथियां क्या हैं?

आज दोपहर 2:56 बजे से कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद होंगे। इसके बाद 26 जून सुबह देवी स्नान और दैनिक अनुष्ठान के बाद द्वार खुलेंगे।

क्या श्रद्धालु इस दौरान मंदिर में प्रवेश कर सकते हैं?

नहीं, 22 से 25 जून तक मंदिर के मुख्य गर्भगृह के कपाट पूरी तरह बंद रहते हैं।