Chandra Grahan : इस दिन होगा साल का अंतिम चंद्र ग्रहण, 9 घंटे पहले से लग जाएगा सूतक, इस दौरान भूलकर भी न करें ये काम

Chandra Grahan; इस ग्रहण का प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा। खासकर धार्मिक और ज्योतिषिय रूप में इसका महत्व माना जा रहा है। आपको बता दें कि इस साल का चंद्र ग्रहण भारत में दिखेगा और इसका सूतक काल भी माना जाएगा।

Chandra Grahan : इस दिन होगा साल का अंतिम चंद्र ग्रहण, 9 घंटे पहले से लग जाएगा सूतक, इस दौरान भूलकर भी न करें ये काम

Chandra Grahan 2025 | Photo Credit: IBC24 File

Modified Date: August 29, 2025 / 09:26 pm IST
Published Date: August 29, 2025 9:25 pm IST
HIGHLIGHTS
  • 9 घंटे पहले ही धार्मिक कामों पर पाबंदियां
  • सूतक में क्या ना करें
  • चंद्रमा और सूर्य के बीच में आ जाती है पृथ्वी

Chandra grahan date and time in india: भादव महीने की पूर्णिमा, पितृपक्ष यानी 7 सितंबर 2025 के दिन चंद्रग्रहण कुंभ राशि में लग रहा है। इस ग्रहण का सूतक मान्य होगा और इस दिन क्या नहीं किया जाएगा। इस खबर में हम आपको बताएंगे।

साल का आखिरी चंद्रग्रहण 7 सितंबर भाद्रपद पूर्णिमा के दिन लग रहा है। ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे की होगी। इस साल का आखिरी चंद्रग्रहण 7 सितंबर की रात 9.57 बजे 1.27 रहेगा। ग्रहण रात 11 बजे से 12.22 बजे के बीच पीक पर होगा। ग्रहण के निमित दोपहर 12.57 बजे सूतक लगेगा।

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Chandra Grahan 2025, सूतक में क्या ना करें

इस दिन पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र रहेगा और चंद्रमा इस दिन कुंभ राशि में होंगे। इस ग्रहण का प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा। खासकर धार्मिक और ज्योतिषिय रूप में इसका महत्व माना जा रहा है। आपको बता दें कि इस साल का चंद्र ग्रहण भारत में दिखेगा और इसका सूतक काल भी माना जाएगा।

9 घंटे पहले ही धार्मिक कामों पर पाबंदियां

चंद्र ग्रहण के समय दो अवधि का खास ध्यान रखान चाहिए, इनमें से एक है सूतक काल और दूसरा ग्रहण के दौरान की अवधि। इस साल चंद्रग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले यानी 12.57 पर शुरू हो जाएगा। धर्म ग्रंथों के मुताबिक चंद्र ग्रहण शुरू होने से 9 घंटे पहले ही धार्मिक कामों पर पाबंदियां लग जाती हैं।

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इस समय पूजा-पाठ, मंदिर दर्शन, विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, व्यापार प्रारंभ जैसे शुभ काम नहीं होंगे। इसी कारण सूतक शुरू होते ही सभी मंदिर बंद हो जाते हैं। सूतक काल में बोलकर देवी देवताओं के मंत्रों का जप करने का विधान है।

चंद्रमा और सूर्य के बीच में आ जाती है पृथ्वी

आपको बता दें कि यह एक खगोलीय घटना है, जब चंद्र ग्रहण पूर्णिमा के दिन होता है। जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीध में होते हैं और पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य के बीच में आ जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह ग्रहण धार्मिक और ज्योतिषि दृष्टि से भी खास माना जा रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसका सूतक काल माना जाएगा और इस कारण शाम को मंदिरों के पट बंद रहेंगे और आरती नहीं होगी।

डिस्क्लेमर- (इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।)


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com