Chaturmas kab hai : 2025 में कब से कब तक रहेगा चतुर्मास? जाने तिथि, महत्त्व एवं इस बीच क्यों लग जाती है शुभ कार्यों पर रोक?

When will Chaturmas last in 2025? Know the date, importance and why auspicious works are prohibited during this time?

Chaturmas kab hai : 2025 में कब से कब तक रहेगा चतुर्मास? जाने तिथि, महत्त्व एवं इस बीच क्यों लग जाती है शुभ कार्यों पर रोक?

Chaturmas Kab Hai

Modified Date: May 23, 2025 / 06:09 pm IST
Published Date: May 23, 2025 6:09 pm IST

Chaturmas kab hai : चातुर्मास एक महत्वपूर्ण धार्मिक अवधि है जो हिंदू धर्म में चार महीनों तक चलती है, जो सावन, भाद्रपद, आश्विन और कार्तिक के महीनों तक रहती है तथा साधना, व्रत और उपवास के लिए अनुकूल मानी जाती है। यह अवधि देवशयनी एकादशी से शुरू होकर देवउठनी एकादशी तक का समय माना जाता है। इस दौरान भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं, और सृष्टि का संचालन भगवान शिव करते हैं।

Chaturmas kab hai

चातुर्मास का आरंभ देवशयनी एकादशी से होता है, जो आषाढ़ शुक्ल एकादशी को पड़ता है। इस बार आषाढ़ मास की एकादशी 6 जुलाई को है। इस एकादशी को देवशयनी एकादशी कहा जाता है। यह अवधि चार महीनों तक चलती है, जो सावन, भाद्रपद, आश्विन और कार्तिक के महीनों तक रहती है। इसका समापन देवउठनी एकादशी को होता है, जो कार्तिक शुक्ल एकादशी को पड़ती है।

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Chaturmas kab hai

चातुर्मास का महत्व
– चातुर्मास को धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जाता है।
– यह समय साधना, पूजा, व्रत और उपवास के लिए अनुकूल माना जाता है।
– इस दौरान भगवान विष्णु योग निद्रा में होते हैं, इसलिए शुभ-मांगलिक कार्यों को वर्जित माना जाता है।
– चातुर्मास में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना करने से जीवन के कष्ट दूर होते हैं, ऐसा माना जाता है।

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चातुर्मास में क्या करें
– इस अवधि में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना करें।
– व्रत और उपवास करें।
– साधना और आत्म-संयम का पालन करें।
– धार्मिक आस्था को गहरा करें।

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चातुर्मास में क्या न करें
– शुभ-मांगलिक कार्यों को न करें, जैसे विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश आदि।

– नए वाहन, प्रॉपर्टी या भूमि पूजन जैसे कार्यों को न करें।

– चातुर्मास में भगवान विष्णु शयन करते हैं इसलिए शुभ काम जैसे विवाह, गृहप्रवेश, मुंडन आदि 16 संस्कार करना वर्जित माना जाता है। साथ ही इस दौरान नीले और काले रंग के वस्त्र नहीं धारण करने चाहिए। इस दौरान हो सके को लाल, हरे, पीले और नारंगी रंग के वस्त्र पहनने चाहिए।

– चातुर्मास के दौरान अपनी वाणी से कोई भी ऐसे शब्द न निकाले जो जिससे लोगों को कष्ट पहुंचे। साथ ही कोई गलत कार्य या झूठ बोलना नहीं चाहिए।

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लेखक के बारे में

Swati Shah, Since 2023, I have been working as an Executive Assistant at IBC24, No.1 News Channel in Madhya Pradesh & Chhattisgarh. I completed my B.Com in 2008 from Pandit Ravishankar Shukla University, Raipur (C.G). While working as an Executive Assistant, I enjoy posting videos in the digital department.