Chhath Puja 2022: आज ‘खरना’ करेंगी व्रती महिलाएं, जाने कब से शुरू होगा 36 घंटे का निर्जला उपवास

Chhath Puja 2022 Kharna today, Nirjal fast will start : महापर्व छठ का आज दूसरा दिन है। आज व्रती महिलाएं अपने-अपने घरों में 'खरना' की स्पेशल खीर बनाएंगी।

Chhath Puja 2022: आज ‘खरना’ करेंगी व्रती महिलाएं, जाने कब से शुरू होगा 36 घंटे का निर्जला उपवास
Modified Date: November 15, 2023 / 03:29 pm IST
Published Date: October 29, 2022 6:20 am IST

छठ पूजा 2022: Chhath Puja Kharna 2022: महापर्व छठ का आज दूसरा दिन है। आज व्रती महिलाएं अपने-अपने घरों में ‘खरना’ की स्पेशल खीर बनाएंगी। खरना के बाद से ही महिलाओं का निर्जला व्रत शुरू होता है। आज के दिन महिलाएं गुड़ की खीर बनाकर उसका प्रसाद से रूप में सेवन करती हैं और फिर उसके बाद से अपना निर्जला व्रत शुरू करती हैं।

आस्था का महापर्व, महाव्रत छठ पूजा कल यानी 28 अक्टूबर से शुरू हो चूका है। छठ महापर्व हर साल देश के अलग-अलग कोने में धूम-धाम से मनाया जाता है। इस बार छठ 28 अक्टूबर से शुरू हो रहा है। शुक्रवार से शुरू हो रहा ये पर्व सोमवार 31 अक्टूबर तक चलेगा। ऐसे में इस चार दिवसीय पर्व को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है। भगवान सूर्य व छठी माता को समर्पित छठ पर्व हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। यह पर्व चार दिन तक चलता है।

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इस साल ये 28 अक्टूबर से शुरू होकर 31 अक्टूबर तक चलेगा। छठ पूजा में संतान के स्वास्थ्य, सफलता व दीर्घायु के लिए पूरे 36 घंटे का निर्जला व्रत रखा जाता है। इस व्रत को महिलाओं के साथ पुरुष भी रखते हैं। 28 अक्टूबर से छठ पूजा के पहले दिन नहाए खाए मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं घर की साफ-सफाई करती हैं। घर में चने की दाल, लौकी की सब्जी और भात प्रसाद के रूप में बनता है। इस भोजन में सेंधा नमक का प्रयोग किया जाता है।

आज है खरना

इस बार 29 अक्टूबर को छठ पर्व का दूसरा दिन खरना मनाया जाएगा। इस दिन व्रती महिलाएं गुड़ की खीर का प्रसाद बनाती हैं और रात को ग्रहण करती हैं। इसे प्रसाद के रूप में भी बांटा जाता है। इसके बाद से 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू होता है। खरना से ही इस कठिन निर्जला व्रत की शुरुआत होगी है। महिलाएं डेढ़ दिन तक बिना कुछ खाए-पिए भगवान सूय की पूजा-अर्चना करती हैं। इसके साथ ही महिलाएं भगवान को प्रसन्न करने के लिए रात भर गाना भी गाती है। इस व्रत के नियमों के अनुसार महिलाएं घाट पर ही रात गुजराती हैं, और सुबह सूर्य देव को अर्घ्य देकर पूजा सपन्न करती हैं।

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कल दिया जाएगा पहला अर्घ्य

छठ पूजा के तीसरे दिन सूर्यास्त के समय डूबते सूर्य को अर्घ्य देने का विधान है। व्रती महिलाएं या पुरुष पानी में खड़े होकर अर्घ्य देते हैं। इस दिन सूर्यास्त का समय शाम 05 बजकर 37 मिनट है। इसके बाद छठ महापर्व के चौथे दिन व्रती पानी में खड़े होकर उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं। इसके बाद छठ पूजा का समापन होता है। फिर व्रत पारण किया जाता है। इस दिन सूर्योदय का समय सुबह 06 बजकर 31 मिनट है।

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