Devshayani Ekadashi 2022: इस बार देवशयनी एकादशी 10 जुलाई 2022 को मनाया जाएगा। देवशयनी एकादशी को पद्मा एकादशी, आषाढ़ी एकादशी और हरिशयनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। माना जाता है इस एकादशी के बाद से चार महीने के लिए भगवान विष्णु निद्रा में चले जाते हैं। आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी कहा जाता है। देवशयनी एकादशी के दिन से ही भगवान विष्णु शयनकाल में चले जाते हैं इसलिए इसे देवशयनी एकादशी कहते हैं।चार महीने की इस अवधि को चतुर्मास कहते हैं।
देवशयनी एकादशी पूजा विधि
– इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके साफ कपड़े पहन लें।
– इसके बाद पूजा वाली जगह की अच्छी तरह से सफाई कर लें।
– इसके बाद भगवान विष्णु की प्रतिमा या मूर्ति स्थापित करें।
– भगवान विष्णु को पीले वस्त्र, पीले फूल, पीला प्रसाद और पीला चंदन अर्पित करें।
– इसके बाद भगवान विष्णु को पान, सुपारी चढ़ाएं।
– फिर भगवान विष्णु के आगे दीप जलाएं और पूजा करें।
– देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के इस मंत्र ‘‘सुप्ते त्वयि जगन्नाथ जमत्सुप्तं भवेदिदम्। विबुद्धे त्वयि बुद्धं च जगत्सर्व चराचरम्।।” का जाप जरूर करें।
– देवशयनी एकादशी के दिन पहले भगवान विष्णु को शयन कराएं उसके बाद ही खुद सोएं।
कब है देवशयनी एकादशी 2022 ?
देवशयनी एकादशी रविवार, जुलाई 10, 2022 को
एकादशी तिथि प्रारम्भ – जुलाई 09, 2022 को शाम 04 बजकर 39 मिनट पर शुरू
एकादशी तिथि समाप्त – जुलाई 10, 2022 को शाम 02 बजकर 13 मिनट पर खत्म
पारण का समय- 11 जुलाई 2022 को सुबह 05 बजकर 56 मिनट से 08 बजकर 36 मिनट तक
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