Shani Amavasya 2022 : शनि अमावस्या 2022। आज शनि अमावस्या है। इस दिन न्याय के देवता शनि की पूजा की जाती है। आज के दिन शनि की पूजा करके उनसे जीवन के सभी कष्ट दूर करने की प्रार्थना की जाती है। आमतौर पर शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित होता है। जब अमावस्या शनिवार के दिन पड़ती है तो इसे शनि अमावस्या कहा जाता है। हमारे हिंदू धर्म में शनि अमावस्या का बहुत महत्त्व होता है। इसे शनिश्चरी अमावस्या भी कहते हैं। शनिश्चरी अमावस्या के दिन शनिदेव की पूजा करने से कई तरह की समस्यायों का समाधान मिल सकता है। ऐसे में अगर आपकी कुंडली में शनि ढैय्या, साढ़साती या शनिदोष है तो शनि अमावस्या के दिन कुछ उपायों को करने से आपको काफी अच्छा लाभ मिल सकता है। साथ ही आपको बता दें कि शनि अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण करना काफी शुभ माना जाता है। चलिए हम आपको शनि अमावस्या के कुछ खास उपाय बताते हैं।
इन उपायों से प्रसन्न होंगे शनि देव
- शनि अमावस्या के दिन शनिदेव को सरसों का तेल अर्पित करना काफी शुभ माना जाता है, साथ ही सरसों के तेल में काले तिल डालकर दीया भी जलाएं
- अमावस्या के दिन रुद्राक्ष की माला से 108 बार ऊँ शं शनैश्चराय नमः मंत्र जाप करें
- शनि अमावस्या के दिन सूर्य ढलने के बाद पीपल के पेड़ के नीचे सरसों केतेल का दीया जरूर जलाना चाहिए, इससे शनि साढ़े साती और ढैय्या का प्रभाव कम होता है,
- शनि अमावस्या के दिन दान का काफी महत्व होता है, इस दिन गरीब- निर्धन लोगों को शनिदेव से जुड़ी चीजें दान करनी चाहिए साथ ही आप आटा, शक्कर, काले तिल आदि चीजों का भी दान कर सकते हैं
इस दिन गलती से भी न करें ये काम
- माना जाता है कि शनिवार के दिन नाखून, बाल और दाढ़ी काटना काफी अशुभ माना जाता है, ऐसा करने से शनि दोष लगता है
- शनि अमावस्या के दिन शनि देव को सरसों का तेल अर्पित करना काफी शुभ माना जाता है, लेकिन इस बात का ख्याल रखें कि मंदिर से लौटते समय शनिदेव को अपनी पीठ ना दिखाएं, ऐसा करना काफी अशुभ माना जाता है
- शनि अमावस्या पर माता पिता, गुरु, बड़े बुजुर्ग का, महिला का अपमान करना काफी बुरा माना जाता है, ऐसा करने वालों को भविष्य में शनि देव के दुष्प्रभाव का समाना करना पड़ता है,
- शनि देव की पूजा करते समय उनकी नजरों में नहीं देखना चाहिए, हमेशा आंखे झुकाकर ही शनिदेव की पूजा करनी चाहिए, शनिदेव की दृष्टि को वक्री माना जाता है, माना जाता है कि शनिदेव जिस पर भी अपनी दृष्टि डालते हैं उसका जीवन कष्टों में बीतता है
इन मंत्रों का करें जाप
ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥
ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम।
उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात।।
ऊँ ह्रिं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छाया मार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।
शनि गायत्री मंत्र
ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।