शनि की उल्टी दशा से बचने के लिए करें ये उपाय, करें शनि मंत्रों का जाप

शनि की उल्टी दशा से बचने के लिए करें ये उपाय, करें शनि मंत्रों का जाप

  •  
  • Publish Date - February 11, 2023 / 01:40 PM IST,
    Updated On - February 11, 2023 / 01:40 PM IST

कर्मठ बने – Aaj Ka Rashifal : श्रीमद्भगवद्गीता में कर्मयोग को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। जीवन की रक्षा के लिए, समाज की रक्षा के लिए, देश की रक्षा के लिए, विश्व की रक्षा के लिए कर्म करना आवश्यक है। पुरुषकारमनुवर्तते दैवम्। तात्पर्य यही है कि कर्मठ व्यक्ति कभी भाग्य के भरोसे नहीं रहते, वे कर्म करते रहते हैं और उनके पीछे उसका भाग्य साथ-साथ चलता है। जो जीवन को ऊँचा उठा हुआ और आनंदित देखना चाहता है वह अपना कर्म पुरे मनोयोग से करता है और भाग्य भी हमेशा कर्मरत और पुरुषार्थी मनुष्यों का ही साथ देता है। गुण विभाग और कर्म विभाग, पाँच महाभूत और मन, बुद्धि, अहंकार तथा पाँच ज्ञानेन्द्रियाँ, पाँच कर्मेन्द्रियाँ और शब्दादि पाँच विषय- इन सबके समुदाय का नाम गुण विभाग है और इनकी परस्पर चेष्टाओं का नाम कर्म विभाग है।

Read More : ट्रेडिशनल लुक में Nikki Tamboli ने लूट ली महफिल, दिखाया खूबसूरती और बोल्डनेस का जलवा

Aaj Ka Rashifal : अपने कर्म को इमानदारी से करने वालो को जीवन में शांति और मोक्ष प्राप्त होता है. कर्म भाव का कारक ग्रह शनि होता है और यदि शनि कुंडली में अनुकूल हो तो कर्म का भाव बेहतर होता है तो भाग्य भी साथ देता है। इसलिए कर्मठ बनने के लिए शनि को अनुकूल करना बहुत ही आवश्यक है। जहाँ शनि कर्म का कारक है वहीं न्याय देता है इसलिए कर्म न्यायसंगत और हितकारी होगा तो शनि से जीवन में न्याय, सुचिता, स्वास्थ्य, समृधि और सुख प्राप्त होता है. इसलिए कर्म भाव को अनुकूल कर कर्मठ बनने का उपक्रम करना चाहिए और इसके लिए शनि की शांति के लिए मन्त्र जाप करना, तिल या उरद का दान करना और लोगो की सेवा करना चाहिए।

 

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें