Chandra Grahan 2025: इस दिन लगेगा साल का पहला चंद्रग्रहण, भारत में क्या होगा असर और सूतक को लेकर पूरी जानकारी देखें यहां

Chandra Grahan 2025: इस साल 14 मार्च को होली का त्यौहार पड़ रहा है और इसी दिन साल का पहला चंद्रग्रहण भी लगने वाला है।

Chandra Grahan 2025: इस दिन लगेगा साल का पहला चंद्रग्रहण, भारत में क्या होगा असर और सूतक को लेकर पूरी जानकारी देखें यहां

Chandra Grahan 2025 Date| Photo Credit: IBC24 File Photo

Modified Date: February 28, 2025 / 10:13 pm IST
Published Date: February 28, 2025 10:13 pm IST
HIGHLIGHTS
  • इस साल 14 मार्च को होली का त्यौहार पड़ रहा है और इसी दिन साल का पहला चंद्रग्रहण भी लगने वाला है।
  • चंद्रग्रहण को लेकर हर तरफ चर्चा है कि, चंद्रग्रहण का सूतक भारत में मान्य होगा नहीं?
  • इस साल 13 मार्च को होलिका दहन और 14 मार्च को होली मनाई जाएगी, लेकिन इस बार चंद्रग्रहण पर होली का साया पड़ रहा है।

नई दिल्ली: Chandra Grahan 2025: चंद्रग्रहण को एक खगोलीय घटना माना गया है। वहीं साल का पहला चंद्रग्रहण भी जल्द ही लगने जा रहा है। इस साल 14 मार्च को होली का त्यौहार पड़ रहा है और इसी दिन साल का पहला चंद्रग्रहण भी लगने वाला है। चंद्रग्रहण को लेकर हर तरफ चर्चा है कि, चंद्रग्रहण का सूतक भारत में मान्य होगा नहीं? दरअसल, हर साल फाल्गुन महीने के शुक्ल पक्ष में पूर्णिमा की तिथि पर शाम के वक्त होलिका दहन होता है, वहीं इसके अगले दिन रंगोत्सव मनाया जाता है। इस साल 13 मार्च को होलिका दहन और 14 मार्च को होली मनाई जाएगी, लेकिन इस बार चंद्रग्रहण पर होली का साया पड़ रहा है।

इस समय तक रहेगा चंद्रग्रहण

बता दें कि, होली के दिन पद रहा चंद्रग्रहण सुबह 9:29 बजे से दोपहर 3:29 तक रहेगा। राहत की बात है कि यह चंद्रग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। ऐसे में इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। इसका प्रभाव मुख्य रूप से ऑस्ट्रेलिया, यूरोप और अफ्रीका के अधिकांश क्षेत्र के अलावा प्रशांत, अटलांटिक, आर्कटिक महासागर, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, पूर्वी एशिया और अंटार्कटिका पर पड़ेगा।

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भारत में नहीं दिखाई देगा चंद्रग्रहण

Chandra Grahan 2025:  भारत में चंद्रग्रहण दिखाई नहीं देगा, क्योंकि चंद्रग्रहण भारतीय समय अनुसार दिन में घटित होने वाला है। चंद्रग्रहण का ज्योतिषीय, धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व होता है। धार्मिक दृष्टि से इसका कारण राहु-केतु माने जाते हैं। ज्योतिष के अनुसार, ये ग्रहण केतु के कारण लगने वाला है। राहु और केतु को सांप की भांति माना गया है, जिनके डसने पर ग्रहण लगता है। वहीं, कुछ का मानना है कि जब राहु और केतु चंद्रमा को निगलने की कोशिश करते हैं, तब चंद्रग्रहण लगता है।

14 मार्च को लगने वाला यह चंद्रग्रहण कन्या राशि में होगा। इसलिए कन्या राशि के जातकों को इस दौरान विशेष सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि इस राशि से संबद्ध जातकों के लिए ये चंद्रग्रहण अशुभ फल देने वाला रहेगा। अगर चंद्रग्रहण के वैज्ञानिक दृष्टिकोण की बात करें, तो ये एक खगोलीय घटना है। जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीधी रेखा में आते हैं, तो इस दौरान सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर पड़ता है, लेकिन चंद्रमा पर नहीं पड़ता है. इस घटना को ही चंद्रग्रहण कहते हैं।

 


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