Holashtak 2023: इस दिन से शुरू होगा होलाष्‍टक, भूलकर भी न करे ये पांच काम, करना पड़ेगा समस्याओं का सामना

Holashtak 2023: 28 फरवरी से होलाष्टक शुरू हो जाएंगे और 7 मार्च तक रहेंगे। ज्‍योतिष के अनुसार इन 8 दिन के होलाष्‍टक में सूर्य, चंद्रमा

  •  
  • Publish Date - January 30, 2023 / 07:30 PM IST,
    Updated On - January 30, 2023 / 07:30 PM IST

नई दिल्ली : Holashtak 2023: हिंदू धर्म में होली का त्‍योहार प्रमुख पर्वों में से एक है। नया साल शुरू होने के बाद फाल्‍गुन महीने में पड़ने वाले इस त्‍योहार का इंतजार शुरू हो जाता है। साथ ही यह पर्व दिल से बुराई को खत्‍म करके फिर से गले मिलने और खुशी मनाने का पर्व है। साल 2023 में 7 मार्च 2023 को होलिका दहन किया जाएगा, वहीं रंगों वाली होली 8 मार्च को खेली जाएगी।

यह भी पढ़ें : Jio यूजर्स को महज 1000 रुपए में पड़ेगा ये शानदार ब्रांडेड स्मार्ट फोन! दमदार बैटरी बैकअप, कैमरा क्वालिटी के साथ बहुत कुछ

इस दिन से शुरू होगा होलाष्टक

Holashtak 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि 06 मार्च 2023 की शाम 04:17 बजे से प्रारंभ होकर 07 मार्च 2023 की शाम 06:09 बजे तक रहेगी। वहीं होलिका दहन 07 मार्च 2023 को किया जाएगा और रंगो वाली होली अगले दिन 8 मार्च 2023 को खेली जाएगी। होली के आठ दिन पहले होलाष्टक लग जाते हैं। इसलिए इस वर्ष 28 फरवरी से होलाष्टक शुरू हो जाएंगे और 7 मार्च तक रहेंगे। ज्‍योतिष के अनुसार इन 8 दिन के होलाष्‍टक में सूर्य, चंद्रमा, शनि, शुक्र, गुरु, बुध, मंगल और राहु ग्रह उग्र रहते हैं। इन उग्र ग्रहों का नकारात्‍मक असर मांगलिक कामों पर पड़ता है। इसलिए होलाष्‍टक के दौरान शुभ काम करने की मनाही होती है।

यह भी पढ़ें : Pt. Dhirendra Shastri on Ramcharitmanas: रामचरित मानस की प्रतियां जलाने पर सामने आई बागेश्वर धाम की प्रतिक्रिया, दिया ऐसा खूबसूरत जवाब

होलाष्‍टक में नहीं करना चाहिए ये काम

– होलाष्टक में विवाह, मुंडन, नामकरण, सगाई समेत सभी शुभ काम नहीं करना चाहिए।

– फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से लेकर पूर्णिमा के दौरान होलाष्‍टक में ना तो नए घर में प्रवेश करना चाहिए, ना ही घर का निर्माण शुरू करना चाहिए।

– होलाष्टक के दौरान नया घर, गाड़ी, जमीन, सोने या चांदी के आभूषण ख आदि भी नहीं खरीदना चाहिए, ना ही बुकिंग करनी चाहिए।

– होलाष्‍टक में यज्ञ, हवन जैसे धार्मिक अनुष्‍ठान भी नहीं करने चाहिए. हालांकि भगवान का भजन-कीर्तन करना बहुत शुभ होता है।

– होलाष्‍टक के दौरान कोई भी नए काम नहीं करें. ना ही नौकरी में परिवर्तन भी नहीं करना चाहिए. नई नौकरी होलाष्‍टक से पहले या बाद में जॉइन करना ही शुभ रहता है।

यह भी पढ़ें : राजधानी में कल होगी भारी बारिश! पड़ोसी राज्यों में भी बदलेगा मौसम, IMD ने जारी किया अलर्ट 

होलाष्टक में इसलिए नहीं करते शुभ काम

Holashtak 2023:  पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, एक बार प्रेम के देवता कामदेव ने भोलेनाथ की तपस्या भंग कर दी थी। इससे नाराज होकर भगवान शिव ने कामदेव को फाल्गुन अष्टमी के दिन भस्म कर दिया था। जब कामदेव की पत्नी रति ने शिवजी की उपासना की और कामदेव को फिर से जीवित करने की प्रार्थना की, तब शिवजी को उस पर दया आई। इसके बाद शिवजी ने कामदेव में फिर से प्राण भर दिए।कहते हैं कि तभी से होलाष्टक मनाने की परंपरा चली आ रही है। होलिका दहन के साथ ही होलाष्टक का अंत हो जाता है।

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें