Kaal Sarp Dosh Upay Mantra: काल सर्प दोष (जिसे काल सर्प दोष या काल सर्प योग भी कहा जाता है) कुंडली में पाया जाने वाला एक योग है जो बहुत बुरा प्रभाव देने वाला माना जाता है। जिस व्यक्ति की कुंडली में यह दोष होता है उसे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कालसर्प दोष से ग्रस्त लोग विधि विधान से भगवान शिव की पूजा करें और कुछ विशेष मंत्रों का जाप करें तो उन्हें इसके कष्टकारी प्रभाव से मुक्ति मिल सकती है। कालसर्प दोष या राहु की शांति के लिए पूजन के बाद ईश्वर से प्रार्थना करते हुए कालसर्प दोष और यंत्र का रोजाना पाठ करें। इस लेख में हम आपको कालसर्प दोष से बचने के अचूक मंत्र बताएंगे।
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कालसर्प दोष कैसे बनता है
व्यक्ति पिछले जन्म में किए गए पापों जैसे सांप की हत्या, गौहत्या या हिंसा आदि के कारण इस जन्म में ऐसे योग के साथ पैदा होता है। इसमें सभी 7 प्रमुख ग्रह को राहू और केतु ग्रह घेरे होते हैं।
रोजाना करें इस यंत्र का पाठ
ज्योतिष शास्त्र में यंत्र पूजा की शक्ति का प्रयोग प्राचीन काल से ही विभिन्न ग्रहों या देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए किया जाता रहा है। ऐसा ही एक यंत्र काल सर्प दोष को दूर करने में बहुत कारगर है, जिसे ‘काल सर्प दोष निवारण यंत्र’ कहा जाता है। इस यंत्र के प्रतिदिन पूजन और दर्शन मात्र से ही ऐसी ऊर्जा प्राप्त होती है जो इस दोष के प्रभाव को कम कर देती है।
ये मंत्र करेंगे कालसर्प दोष को कम
काल सर्प दोष के प्रभाव को कम करने के लिए मंत्र जप भी बहुत प्रभावशाली उपाय है। आइए कुछ बहुत प्रभावशाली मंत्रों को जानते हैं जिनके भक्तिपूर्ण नित्य जप से कालसर्प दोष के प्रभाव से मुक्ति मिलती है:
आदित्यहृदयम् मंत्र: यह मंत्र काल सर्प दोष के प्रभाव को कम करने के लिए प्रसिद्ध है।
‘ॐ नखद्वजाय विद्महे तन्नो कालसर्प प्रचोदयात्।’
कालसर्प मंत्र: ‘ॐ आस्येषानि नागेन्द्रा कालसर्पा दित्यकुजाः। प्रीत्या यान्तु मम देहे तु तुभ्यं धृत्या नमोऽस्तु ते।’
इस मंत्र का नियमित जाप करने से काल सर्प दोष का प्रभाव समाप्त हो जाता है।
नाग प्रपतिंये मंत्र: ॐ नाग प्रपतिंये नमः। इस मंत्र का जप भी कालसर्प दोष के प्रभाव से मुक्ति दिलाता है।
महामृत्युंजय मंत्र: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।